kisan india Annapurna Summit 2025: किसान नेता गुणी प्रकाश ने तीन कृषि कानूनों का किया समर्थन, वीएन सिंह ने MSP पर दिया बड़ा बयान
वीएन सिंह ने कहा कि देश के कई राज्यों में किसान बड़े स्तर पर गन्ने की खेती कर रहे हैं. गन्ने से लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों किसान परिवारों का घर का खर्च चल रहा है. लेकिन केंद्र सरकार का गन्ना किसानों की तरफ कोई ध्यान नहीं है.
kisan india Annapurna Summit 2025: किसान इंडिया अन्नपूर्णा 2025 समिट में भारतीय किसान यूनियन मान के हरियाणा अध्यक्ष गुणी प्रकाश ने केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में लाए गए तीन कृषि कानूनों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि यह कानून छोटे और सीमांत किसानों के हित में था. इससे छोटी जोत वाले किसानों को फायदा होता. अन्नदाताओं को उनकी उपज का बेहतर रेट मिलता. लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रमुख किसान नेता राष्ट्रीय किसान मजदूर पार्टी के संस्थापक वीएन सिंह ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह कानून किसानों के हित में नहीं था.
वीएन सिंह ने कहा कि देश के कई राज्यों में किसान बड़े स्तर पर गन्ने की खेती कर रहे हैं. गन्ने से लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों किसान परिवारों का घर का खर्च चल रहा है. लेकिन केंद्र सरकार का गन्ना किसानों की तरफ कोई ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि सरकार ने अभी तक किसी को गन्ना मंत्री नहीं बनाया है.
सरकार नहीं कर रही किसान हिता का खयाल
वीएन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ही नहीं, बल्कि राज्य सरकारें भी किसानों के हितों का खयाल नहीं रखती हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों से मजबूरी में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSAP) पर फसल की खरीदी कर रही है. क्योंकि सरकार किसानों को केवल वोट बैंक मानती है. वोट के लालच में ही वह एमएसपी पर किसानों से फसलों की खरीद कर रही है. इसके बावजूद भी किसानों को खेती में आर्थिक नुकसान हो रहा है.
सरकार मजबूरी में देर रही एमएसपी
वीएन सिंह ने कहा कि देश में किसान परिवारों की कुल आबादी करीब 80 करोड़ है. उनके अनुसार सानों की ये आबादी सरकार की नजर में केवल और केवल वोट बैंक है. सरकार इन वोटों को ध्यान में रखकर ही फसलों की खरीद एमएसपी पर कर रही है. उन्होंने कहा है कि सरकार शुगर मिलों की हर मांगे मान लेती है, लेकिन किसानों की मांगें को नजरअंदाज कर देती है.
फ्री राशन योजना का हो रहा दुरुपयोग
खास बात यह है कि वीएन सिंह ने सरकार कि फ्री राशन योजना को भी कम असरदार बताया. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में लाभार्थी केंद्र और राज्य सरकार, दोनों से फ्री राशन का लाभ उठा रहे हैं. लेकिन फ्री राशन का पूरी तरह से सदुपयोग नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राशन दुकान से लाभार्थी एक थैला राशन खाने के लिए घर ले जाते हैं, तो दूसरे थैले के राशन को मार्केट में ही बेचकर शराब पी जा रहे हैं. यानी सरकार का फ्री राशन फिर से मार्केट में पहुंच जा रहा है.