किसानों की बढ़ेगी कमाई, सभी 38 जिलों में खुलेगी मॉडल मंडी.. फसलों को मिलेगा उचित रेट
ओडिशा सरकार राज्य के 30 जिलों में 38 मॉडल मंडियां बनाएगी, जिससे किसानों को बेहतर बाजार, सुविधाएं और आय मिलेगी. मंडियों में पानी, शौचालय, दुकानें, पार्किंग और SHG द्वारा संचालित भोजनालय होंगे.
ओडिशा के किसानों के लिए खुशखबरी है. मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए एक अहम कदम उठाया है. सरकार ने ऐलान किया है कि पहले चरण में अगले साल तक सभी जिलों में कुल 38 मॉडल मंडियों (मार्केट यार्ड) बनाई जाएंगी. ओडिशा सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से किसानों को काफी फायदा होगा. वे समय पर अपनी उपज को मार्केट में बेच जाएंगे. इससे उनकी उपज को बेहतर रेट मिलेगा और कमाई में बढ़ोतरी होगी.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सहकारिता मंत्री प्रदीप बाल सामंत ने इस फैसले की जानकारी दी है. यह निर्णय मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में लोक सेवा भवन में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया. मंत्री ने कहा कि मॉडल मंडियों में किसानों और खरीदारों की सुविधा के लिए पेयजल, शौचालय, विश्रामगृह, बिजली, रिटेल दुकानें, पार्किंग की सुविधाएं होंगी. इसके अलावा महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) द्वारा संचालित भोजनालय जैसी सारी जरूरी व्यवस्था रहेगr, ताकि फसल बेचने मंडी आने वाले किसानों को उचित रेट पर खाना मिल सके.
30 जिलों में आधुनिक मार्केट यार्ड तैयार किए जाएंगे
मंत्री प्रदीप बाल सामंत ने कहा कि राज्य के सभी 30 जिलों में ये आधुनिक मार्केट यार्ड तैयार किए जाएंगे. जिन जिलों में खेती और कृषि गतिविधियां ज्यादा हैं, वहां 2 मंडियां भी बनाई जाएंगी. आगे चलकर और मंडियों को भी इसी तर्ज पर विकसित किया जाएगा, ताकि किसान अपनी सब्जियां और स्थानीय उत्पाद एक ही जगह बेच सकें. मंत्री ने कहा कि विभाग की ओर से तैयार किया गया ब्लूप्रिंट मुख्यमंत्री को समीक्षा और मंजूरी के लिए सौंपा गया है. चूंकि मॉडल मंडियों के विकास में वित्तीय खर्च शामिल है, इसलिए इस प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट की मंजूरी लेना जरूरी होगा. सूत्रों के मुताबिक, अगली कैबिनेट बैठक में इस संबंध में एक मेमोरेंडम (प्रस्ताव) पेश किया जाएगा, जिसे विचार और स्वीकृति के लिए रखा जाएगा.
फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी को लेकर भी बड़ा फैसला
वहीं, मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की कैबिनेट की बैठक में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में फैसलों को विकेंद्रीकृत करने के लिए भी एक अहम फैसला लिया गया. कैबिनेट ने MSME विभाग के उस प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसके तहत ओडिशा फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी 2016 के तहत वित्तीय प्रोत्साहन (फिस्कल इंसेंटिव) मंजूर करने की प्रशासनिक शक्तियों को बढ़ाया गया है. संशोधित प्रावधान के अनुसार, अब राज्य स्तरीय समिति (SLC), जिसकी अध्यक्षता MSME सचिव करेंगे, उन्हें 10 करोड़ से 50 करोड़ रुपये तक की प्लांट और मशीनरी निवेश पर प्रोत्साहन देने की अनुमति होगी. इससे पहले सचिव केवल 25 लाख से 1 करोड़ रुपये इंसेंटिव प्रस्तावों को ही मंजूरी दे सकते थे.