पंजाब से ज्यादा MP में पराली जलाने के मामले, 8800 के पार पहुंचा आंकड़ा.. राजस्थान-UP का क्या है हाल
खास बात यह है कि निगरानी में शामिल पांच राज्यों में सोमवार को कुल 1,351 पराली जलाने के मामले सामने आए. वहीं, उत्तर प्रदेश में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और वह पंजाब के आंकड़ों के करीब पहुंच रहा है.
Punjab News: तमाम कोशिशों के बावजूद पंजाब में पराली जलाने के मामले कम नहीं हो रहे हैं. सोमवार को पंजाब में पराली जलाने के 31 नए मामले दर्ज हुए, जिसके बाद इस सीजन में कुल मामलों की संख्या 5,003 हो गई है. ऐसे इस बार पंजाब में एक दिन में पराली जलाने के मामले मध्य प्रदेश के 822 और उत्तर प्रदेश के 384 से भी कम रहे. अब तक मध्य प्रदेश में 8,876 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज हो चुकी हैं, जो पंजाब से ज्यादा हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और वह पंजाब के आंकड़ों के करीब पहुंच रहा है.
1,351 पराली जलाने के मामले सामने आए
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, खास बात यह है कि निगरानी में शामिल पांच राज्यों में सोमवार को कुल 1,351 पराली जलाने के मामले सामने आए. राजस्थान में 103, हरियाणा में 10 और दिल्ली में 1 मामला दर्ज हुआ. वहीं, पंजाब के जिलों में फाजिल्का में सबसे ज्यादा 6 मामले मिले. 17 नवंबर तक पंजाब में दर्ज 5,003 मामलों में सबसे ज्यादा मामले संगरूर जिले से आए.
पंजाब के किस जिले में सबसे अधिक पराली जलाने के मामले
इस साल 17 नवंबर तक संगरूर में 694, तरन तारन में 691, फिरोजपुर में 543, मुक्तसर में 357, बठिंडा में 351, मोगा में 327, अमृतसर में 315, मानसा में 296, फाजिल्का में 247, पटियाला में 233, लुधियाना में 212, कपूरथला में 136, फरिदकोट में 131, बरनाला में 105, मालेरकोटला में 90, गुरदासपुर में 84, जालंधर में 82, फतेहगढ़ साहिब में 47, एसएएस नगर में 29, होशियारपुर में 17, एसबीएस नगर में 15 और पठानकोट में 1 पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. कुल मिलाकर, पंजाब में पराली जलाने के मामले घटे हैं, लेकिन पड़ोसी राज्यों में अब भी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं.
लापरवाही बरतने के लिए 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया
वहीं, कल खबर सामने आई थी कि हरियाणा में पराली जलाने वाले को रोकने में असफल रहने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. जिंद के पुलिस अधीक्षक (SP) कुलदीप सिंह ने रविवार को फसल अवशेष जलाने को रोकने में लापरवाही बरतने के लिए 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. SP ने कहा कि पुलिस टीमें उचाना, गढ़ी और अन्य थानों के गांवों में किसानों को फसल अवशेष जलाने के खतरे के बारे में जानकारी देने गई थीं, फिर भी इन क्षेत्रों से फार्म फायर की घटनाएं दर्ज की गईं. उन्होंने कहा कि यहां तैनात पुलिसकर्मियों ने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की. अगर ऐसे मामले दोबारा होंगे तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. हम इस मुद्दे को हल्के में नहीं ले सकते, क्योंकि जिले में वायु गुणवत्ता सूचकांक पिछले सप्ताह बढ़ा है.