
सर्दियों में गायों को शरीर को गर्म रखने और पर्याप्त ऊर्जा देने वाला आहार देना बहुत जरूरी है. इसके लिए भूसा, गुड़, दलिया, मक्का, ज्वार और सरसों की खली जैसी चीजें बेहद उपयोगी होती हैं. ये न केवल शरीर को ऊर्जा देते हैं, बल्कि ठंड में उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत बनाते हैं.

दूध की गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा जरूरी है. मूंगफली या अलसी की खली देना इसके लिए बहुत फायदेमंद होता है. इससे गायों की ताकत बढ़ती है, दूध का फैट बेहतर होता है और उनका पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है.

दूध उत्पादन में कैल्शियम और पानी का महत्वपूर्ण योगदान होता है. बाजार में रेडीमेड कैल्शियम की गोलियां उपलब्ध हैं, लेकिन किसान चाहें तो घर पर खड़िया या चूने से नेचुरल कैल्शियम तैयार कर गायों को दे सकते हैं. साथ ही, दिन में पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी देना अनिवार्य है.

ठंड के मौसम में गायों को ठंडे पानी के बजाय गुनगुना पानी पिलाना चाहिए. इसके अलावा मक्का, जौ और अन्य दानों को हल्का उबालकर या गर्म पानी में फुलाकर देना चाहिए. इससे उनका पाचन सही रहता है और शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है.

दूध की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने के लिए आहार में चने का छिलका, गेहूं का चोकर, बरसीम, लोबिया और हरा चारा शामिल करना जरूरी है. संतुलित आहार से गायों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है, वे बीमारियों से बचती हैं और दूध का फैट भी बढ़ता है.

गायों को मुलायम और सूखा बिस्तर जैसे पुआल या पराली देना चाहिए और खुले स्थानों से आने वाली ठंडी हवाओं से बचाना चाहिए. सही देखभाल और पौष्टिक आहार के साथ यह मौसम उनके लिए नुकसानदायक नहीं, बल्कि दूध उत्पादन बढ़ाने वाला सीजन बन सकता है.