बरसात में कहीं छिन न जाए बालकनी की शान! ऐसे रखें गुलाब के पौधे का खयाल, हमेशा रहेगा हरा-भरा

Gardening Tips: बारिश का मौसम हरियाली और ताजगी लेकर जरूर आता है, लेकिन गुलाब जैसे नाजुक पौधों के लिए यह वक्त चुनौतियों से भरा होता है. ज्यादा नमी और जलजमाव से उनका खूबसूरत रूप बिगड़ सकता है. अगर आप चाहते हैं कि आपके गुलाब की खूबसूरती बरकरार रहे, तो इस मौसम में खास देखभाल बेहद जरूरी है.

Isha Gupta
नोएडा | Published: 9 Aug, 2025 | 03:17 PM
1 / 6गुलाब के पौधे को नियमित और नियंत्रित मात्रा में पानी और धूप की आवश्यकता होती है. मॉनसून के दौरान ज्यादा बारिश से पौधे को नुकसान हो सकता है क्योंकि यह ज्यादा नमी बर्दाश्त नहीं कर पाता. इसलिए बारिश में संतुलन बनाना बहुत जरूरी होता है.

गुलाब के पौधे को नियमित और नियंत्रित मात्रा में पानी और धूप की आवश्यकता होती है. मॉनसून के दौरान ज्यादा बारिश से पौधे को नुकसान हो सकता है क्योंकि यह ज्यादा नमी बर्दाश्त नहीं कर पाता. इसलिए बारिश में संतुलन बनाना बहुत जरूरी होता है.

2 / 6मॉनसून में वातावरण में नमी बढ़ने से गुलाब के पौधे पर फफूंद लग सकती है. यह पत्तियों पर सफेद या भूरे धब्बे के रूप में नजर आती है, जिससे पौधे की पत्तियां कमजोर और गिरने लगती हैं. फफूंद से बचाव के लिए नियमित निगरानी जरूरी है.

मॉनसून में वातावरण में नमी बढ़ने से गुलाब के पौधे पर फफूंद लग सकती है. यह पत्तियों पर सफेद या भूरे धब्बे के रूप में नजर आती है, जिससे पौधे की पत्तियां कमजोर और गिरने लगती हैं. फफूंद से बचाव के लिए नियमित निगरानी जरूरी है.

3 / 6बारिश के दौरान अगर गमले में पानी जमा रहता है तो गुलाब के पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं, जिससे तना कमजोर होता है और पौधा धीरे-धीरे मुरझाने लगता है. गमले की ड्रेनेज सही होनी चाहिए ताकि पानी जमा न हो.

बारिश के दौरान अगर गमले में पानी जमा रहता है तो गुलाब के पौधे की जड़ें सड़ सकती हैं, जिससे तना कमजोर होता है और पौधा धीरे-धीरे मुरझाने लगता है. गमले की ड्रेनेज सही होनी चाहिए ताकि पानी जमा न हो.

4 / 6अगर तेज बारिश या हवा हो रही हो तो अपने गुलाब के पौधे को बाहर से घर के अंदर या किसी छायादार, हवादार जगह पर ले आएं. यहां पौधे को हल्की धूप और ताजी हवा मिले, लेकिन बारिश का पानी सीधे ना लगे.

अगर तेज बारिश या हवा हो रही हो तो अपने गुलाब के पौधे को बाहर से घर के अंदर या किसी छायादार, हवादार जगह पर ले आएं. यहां पौधे को हल्की धूप और ताजी हवा मिले, लेकिन बारिश का पानी सीधे ना लगे.

5 / 6गमले को इस तरह मिट्टी से भरें कि वह ऊपर तक भरा हो और अतिरिक्त पानी गमले के नीचे न जमा हो. इससे पौधे की जड़ों को फंगस और सड़न से बचाया जा सकता है. मिट्टी का चयन भी सही होना चाहिए जो पानी को सोख सके.

गमले को इस तरह मिट्टी से भरें कि वह ऊपर तक भरा हो और अतिरिक्त पानी गमले के नीचे न जमा हो. इससे पौधे की जड़ों को फंगस और सड़न से बचाया जा सकता है. मिट्टी का चयन भी सही होना चाहिए जो पानी को सोख सके.

6 / 6अगर पौधे की पत्तियों पर फफूंद या रोग के निशान दिखें तो उन पत्तियों को तुरंत काटकर पौधे से अलग कर दें. इससे बीमारी के फैलने का खतरा कम होता है और पौधा स्वस्थ रहता है. पौधे के आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.

अगर पौधे की पत्तियों पर फफूंद या रोग के निशान दिखें तो उन पत्तियों को तुरंत काटकर पौधे से अलग कर दें. इससे बीमारी के फैलने का खतरा कम होता है और पौधा स्वस्थ रहता है. पौधे के आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें.

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