कर्नाटक में आम का रेट गिरकर 400-500 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है.
जब आप आम खरीद रहे हों, तो उसे हल्के हाथों से दबाकर देखें. अगर आम थोड़ा दबता है लेकिन ज्यादा नरम नहीं है, तो इसका मतलब है कि वो बिल्कुल सही तरीके से पका है. अगर बहुत सख्त है, तो वो कच्चा है और अगर जरूरत से ज्यादा सॉफ्ट है तो सड़ने के करीब हो सकता है.
समान आकार के दो आमों को हाथ में लेकर तौलें. जो आम हाथ में भारी लगे, उसमें रस ज्यादा होता है. यह एक आसान लेकिन बेहद कारगर तरीका है यह पहचानने का कि आम अंदर से कितना जूसी है.
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अगर आम के डंठल के पास से हल्का रस रिसता दिखे या वहां चिपचिपा सा गीलापन हो, तो यह इस बात का संकेत है कि आम पूरी तरह से पका हुआ और मीठा है. ये छोटी-सी डिटेल बहुत कुछ बता सकती है.
बाजार में कई आमों पर वैक्स या केमिकल स्प्रे किया जाता है ताकि वे ज्यादा चमकदार दिखें. लेकिन ये आम न सिर्फ स्वाद में खराब होते हैं, बल्कि सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं. हमेशा नेचुरली पके हुए और थोड़ा कम चमक वाले आम को ही प्राथमिकता दें.