महाराष्ट्र के किसानों को राज्य सरकार की ओर से जल्द ही एक नई सौगात मिलने वाली है. अब किसान अपनी फसल बिना किसी बिचौलिए के झंझट के सीधे ग्राहकों को बेच सकेंगे. राज्य सरकार का कृषि विभाग प्रदेश में खास ‘कृषि शॉपिंग मॉल’ खोलने जा रहा है. ये मॉल पूरी तरह से किसानों के लिए समर्पित होगा. सरकार का मानना है कि इस कदम से न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ेगी, बल्कि उपज की सही कीमत भी मिल सकेगी.
क्यों बनाई गई ये योजना?
कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे के अनुसार, प्रदेश में कृषि विभाग के पास करीब 35,000 एकड़ जमीन है. बड़ी मात्रा में ये जमीन सालों से बेकार पड़ी है. बेकार पड़ी होने के चलते कृषि विभाग की इस जमीन पर अतिक्रमण भी हो रहा है. अब सरकार इस जमीन का इस्तेमाल किसानों के लिए एक मजबूत बाजार बनाने में करने जा रही है. यही सोच लेकर “कृषि शॉपिंग मॉल” की योजना बनाई गई है.
मॉल में क्या होगा खास?
इन मॉल को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर तैयार किया जाएगा. इसका सीधा सा मतलब हुआ कि सरकार और निजी निवेशक मिलकर इस प्रोजेक्ट को चलाएंगे. इस मॉल में 50 फीसदी हिस्सा निजी दुकानों के लिए होगा, जहां शो-रूम या सामान्य दुकानें खुल सकेंगी. जबकि बाकी 50% हिस्सा पूरी तरह किसानों के लिए आरक्षित रहेगा.
यहां केवल किसान, स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्पिंग ग्रुप), एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) या निजी रूप से खेती करने वाले ही दुकान चला सकेंगे. मंत्री कोकाटे ने साफ कहा है कि इस हिस्से में बाहरी व्यापारियों को कोई जगह नहीं मिलेगी. यह पूरी तरह किसानों का मंच होगा.
कहां से होगी शुरुआत?
शुरुआती चरण में हर डिविजन (प्रशासनिक क्षेत्र) में एक पायलट मॉल खोला जाएगा. इसके नतीजों को देखते हुए धीरे-धीरे राज्य के सभी जिलों के प्रमुख शहरों में ऐसे मॉल खोलने की योजना है. इसकी शुरुआत पुणे से होने की संभावना है.