भारत वैश्विक आम उत्पादन में लगभग 50% का योगदान देता है. यहां का गर्म और नम मौसम आम की खेती के लिए बेहद अनुकूल माना जाता है, जिससे हर साल करोड़ों टन आम पैदा होते हैं.
आंध्र प्रदेश हर साल करीब 12 लाख मीट्रिक टन आम उगाता है, जो देश के कुल उत्पादन का 22% है. यहां के अल्फांसो, सफेदा और तोतापुरी आम न सिर्फ देश में बल्कि अमेरिका और लंदन तक की मार्केट में मशहूर हैं.
आंध्र न सिर्फ आम उगाता है, बल्कि इनके अचार, पल्प और जूस की प्रोसेसिंग भी यहां बड़े पैमाने पर होती है. तटीय क्षेत्रों में स्थित प्रोसेसिंग यूनिट्स देश और विदेश दोनों में सप्लाई करती हैं.
बिहार आम उत्पादन में देश के टॉप 3 राज्यों में शामिल है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यहां हर साल लगभग 15.5 लाख टन आम होते हैं. खासकर यहां के लंगड़ा, जर्दालु और मिथिला बंबई जैसे स्वादिष्ट किस्में काफी लोकप्रिय हैं.
बिहार सरकार आम किसानों को सब्सिडी देती है, जिससे मुंगेर, समस्तीपुर, दरभंगा और सीतामढ़ी जैसे जिलों में आम की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है. इससे किसानों की आय में भी इजाफा हो रहा है.
कर्नाटक हर साल 10 लाख मीट्रिक टन से अधिक आम पैदा करता है. कोलार जिले में बड़े स्तर पर अल्फांसो आम की खेती होती है, जो अपने मीठे स्वाद और सुनहरे रंग के लिए विदेशों तक भेजे जाते हैं.