उत्तरकाशी में आंधी-बारिश और ओले गिरने से फसलों को नुकसान पहुंचा है. किसानों ने बताया कि फल बनने से पहले ही फसल चौपट हो गई है.
उत्तरकाशी जिले के टुंडा तहसील के मंजगांव में सेब की बागवानी करने वाले किसान राम चंद्र नौटियाल का कहना है कि इस बार सेब में फूल बहुत अच्छा आया था. लेकिन यह आसमानी आफत ने काफी नुकसान कर दिया.
इसके साथी ही सेब के पौधों में इस समय फ्लावरिंग हो रही थी, लेकिन ओलावृष्टि से फूल झड़ने लगे हैं जिससे उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा हैं.
Apple Cultivation in Himachal Pradesh
राम चंद्र नौटियाल आगे बताते हैं बागवानों में ओलों से बचाव के लिए हेल नेट भी लगाएं थे, लेकिन इस बार ओलों से बारिश और ओलावृष्टि सेब के लिए घातक साबित हो रहा है.
कई किसानों का कहना है कि कहना है कि यदि अप्रैल के पहले सप्ताह में भी बारिश और ठंड जारी रहा तो सेब का उत्पादन इस साल काफी गिर सकता है.
उत्तराखंड में मौजूदा बीमा कंपनियां 16 अप्रैल से 15 जून तक की आपदा को ही कवर करती है, वहीं अगर इसे पहले कुछ नुकसान होता है तो बीमा कंपनियों की ओर से किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जाती है.
उत्तराखंड जिला उद्यान अधिकारी डॉ. दिवांकर तिवारी ने बताया कि जल्द ही नुकसान का सर्वे किया जाएगा. वहीं उन्होंने किसानों को बगीचों में पानी जमा न होने देने और जरूरत पड़ने पर फफूंदनाशक का छिड़काव करने की सलाह दी है.