रबी सीजन से पहले किसानों को बड़ी सौगात, सरकार ने बढ़ाई खाद सब्सिडी, 37,952 करोड़ का पैकेज मंजूर

केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए खाद सब्सिडी पर कुल 1.67 लाख करोड़ रुपये का बड़ा बजट तय किया है. इस राशि में से 1.18 लाख करोड़ रुपये केवल यूरिया सब्सिडी के लिए और 49,000 करोड़ रुपये फॉस्फेट व पोटाश जैसी अन्य खादों के लिए रखे गए हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 29 Oct, 2025 | 08:46 AM

Fertilizer Subsidy: केंद्र सरकार ने 2025-26 की रबी सीजन के लिए किसानों को बड़ी राहत देते हुए खादों पर 37,952 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है. यह सब्सिडी अक्टूबर 2025 से मार्च 2026 तक लागू रहेगी. इस बार सरकार ने फॉस्फेट (Phosphate) और सल्फर (Sulphur) पर सब्सिडी बढ़ाने का फैसला किया है, जबकि यूरिया (Urea) और पोटाश (Potash) की दरें पहले जैसी ही रहेंगी.

कितनी बढ़ी सब्सिडी

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस बार सरकार ने फॉस्फेट पर 4.36 रुपये प्रति किलो और सल्फर पर 0.26 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की है.

अब नई दरें इस प्रकार होंगी

नाइट्रोजन (N): 43.02 रुपये प्रति किलो

फॉस्फोरस (P): 47.96 रुपये प्रति किलो

पोटाश (K): 2.38 रुपये प्रति किलो

सल्फर (S): 2.87 रुपये प्रति किलो

पिछले खरीफ सीजन में ये दरें क्रमशः 43.02रुपये, 43.60रुपये, 2.38 रुपये और 2.61 रुपये प्रति किलो थीं. यानी इस बार सरकार ने खास तौर पर फॉस्फोरस और सल्फर पर किसानों को राहत दी है.

पिछले साल से 14,000 करोड़ रुपये ज्यादा

सूचना एवं प्रसारण मंत्री वैष्णव ने बताया कि इस बार दी गई सब्सिडी पिछले वर्ष की तुलना में 14,000 करोड़ रुपये ज्यादा है. पिछले साल सरकार ने रबी के लिए 24,475 करोड़ रुपये की सब्सिडी तय की थी, जबकि इस बार यह आंकड़ा 37,952 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

कैसे तय होती है सब्सिडी

फर्टिलाइजर कंपनियों को सब्सिडी उनकी वास्तविक बिक्री के आधार पर दी जाती है. यानी जितनी खाद कंपनियां किसानों को बेचेंगी, उतनी ही राशि सरकार उन्हें सब्सिडी के रूप में देगी. इसके अलावा, अलग-अलग खादों में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश और सल्फर की मात्रा अलग-अलग होती है, इसी के हिसाब से सब्सिडी की राशि तय की जाती है.

कितनी खाद की जरूरत

सरकार के मुताबिक, इस साल रबी सीजन में खाद की मांग 4 फीसदी बढ़कर 378.7 लाख टन तक पहुंच सकती है.

इसमें

यूरिया: 196.1 लाख टन

डीएपी (DAP): 53.4 लाख टन

पोटाश (MOP): 15.7 लाख टन

कॉम्प्लेक्स खादें: 82.4 लाख टन

सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP): 31.2 लाख टन रहने का अनुमान है.

डीएपी की कीमतों पर दबाव

डीएपी की अंतरराष्ट्रीय कीमतें पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ी हैं. मार्च 2025 में इसकी कीमत $640 प्रति टन थी, जो अब बढ़कर 750 डॉलर प्रति टन हो गई है यानी करीब 9,700 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी. हालांकि, सरकार चाहती है कि कंपनियां डीएपी की खुदरा कीमत 1,350 रुपये प्रति 50 किलो बैग ही रखें. इसलिए उन्हें नुकसान से बचाने के लिए सब्सिडी बढ़ाई गई है.

सरकार का बजट और लक्ष्य

केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए खाद सब्सिडी पर कुल 1.67 लाख करोड़ रुपये का बड़ा बजट तय किया है. इस राशि में से 1.18 लाख करोड़ रुपये केवल यूरिया सब्सिडी के लिए और 49,000 करोड़ रुपये फॉस्फेटपोटाश जैसी अन्य खादों के लिए रखे गए हैं. सरकार का मुख्य उद्देश्य किसानों को रबी सीजन में सस्ती दर पर खाद उपलब्ध कराना है ताकि खेती की लागत कम हो सके और उत्पादन बढ़े. इस कदम से देशभर के छोटे और मध्यम किसान लाभान्वित होंगे, साथ ही सरकार का लक्ष्य है कि खेती अधिक लाभकारी और टिकाऊ बन सके.

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Published: 29 Oct, 2025 | 08:43 AM

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