चीन ने फिर रोकी फर्टिलाइजर की सप्लाई, भारत समेत दुनिया में बढ़ सकती हैं कीमतें

भारत हर साल लगभग 2.5 लाख टन स्पेशलिटी फर्टिलाइजर चीन से आयात करता है, जिनमें से 60–65 प्रतिशत हिस्सा रबी सीजन में आता है. हालांकि भारतीय व्यापारी पहले से कुछ स्टॉक सुरक्षित कर चुके हैं, जिससे अभी तत्काल कोई कमी नहीं होगी.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 22 Oct, 2025 | 07:46 AM

Fertilizer Export Ban: दुनिया के सबसे बड़े फर्टिलाइजर (फर्टिलाइजर) निर्यातक देश चीन ने एक बार फिर कई प्रमुख फर्टिलाइजरों के निर्यात पर रोक लगा दी है. यह रोक 15 अक्टूबर 2025 से लागू की गई है और उम्मीद की जा रही है कि यह छह महीने तक जारी रह सकती है. इस फैसले से वैश्विक स्तर पर फर्टिलाइजर की कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है.

भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए यह खबर चिंताजनक है क्योंकि भारत अपने कुल विशेष (स्पेशलिटी) फर्टिलाइजरों का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा चीन से आयात करता है. इनमें डी-एपी (Di-Ammonium Phosphate), यूरिया, टेक्निकल मोनो-अमोनियम फॉस्फेट (TAMP) और यूरिया सॉल्यूशन प्रोडक्ट्स (AdBlue) जैसे महत्वपूर्ण फर्टिलाइजर शामिल हैं.

क्यों लगी चीन में निर्यात पर रोक?

बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इन फर्टिलाइजरों के निर्यात पर रोक इसलिए लगाई है ताकि वह अपने घरेलू बाजार में आपूर्ति और कीमतों को नियंत्रित कर सके. चीन के सॉल्यूबल फर्टिलाइ इंडस्ट्री एसोसिएशन (SFIA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीब चक्रवर्ती ने बताया कि यह रोक अगले 5-6 महीनों तक जारी रह सकती है. उनके अनुसार, “इस निर्णय से वैश्विक बाजार में आपूर्ति घटेगी और कीमतों में बढ़ोतरी लगभग 10 से 15 प्रतिशत तक हो सकती है. इससे उन देशों को कठिनाई होगी जो चीन पर निर्भर हैं, जिनमें भारत भी शामिल है.”

भारत पर क्या होगा असर?

भारत हर साल लगभग 2.5 लाख टन स्पेशलिटी फर्टिलाइजर चीन से आयात करता है, जिनमें से 6065 प्रतिशत हिस्सा रबी सीजन में आता है. हालांकि भारतीय व्यापारी पहले से कुछ स्टॉक सुरक्षित कर चुके हैं, जिससे अभी तत्काल कोई कमी नहीं होगी. फिर भी, अगर यह निर्यात प्रतिबंध मार्च 2026 के बाद भी जारी रहता है, तो भारत में फर्टिलाइजरों की आपूर्ति पर दबाव बढ़ सकता है.

विशेषज्ञों के अनुसार, इन फर्टिलाइजरों की मदद से मिट्टी की सेहत बेहतर होती है और फलों, सब्जियों जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों की पैदावार बढ़ती है. ऐसे में इनकी कमी का सीधा असर किसानों की लागत और उत्पादकता दोनों पर पड़ सकता है.

वैकल्पिक देशों से सप्लाई की कोशिश

भारत सरकार और निजी कंपनियों ने वैकल्पिक स्रोतों की तलाश शुरू कर दी है. अब भारत सऊदी अरब, मोरक्को, रूस, जॉर्डन, चिली और क्रोएशिया जैसे देशों से फर्टिलाइजर आयात करने की दिशा में काम कर रहा है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि चीन जितनी बड़ी मात्रा में उत्पादन और निर्यात करने की क्षमता इन देशों के पास नहीं है. इसलिए, पूरी मांग को पूरा करना अभी संभव नहीं है.

रबी सीजन के लिए फिलहाल राहत

मौसम विभाग और कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय चल रहे रबी सीजन (अक्टूबर से मार्च) के लिए पर्याप्त फर्टिलाइजर स्टॉक मौजूद है. किसानों को सलाह दी गई है कि वे घबराहट में ज्यादा मात्रा में खरीदारीकरें. राजीब चक्रवर्ती ने कहा, “भारत के पास इस रबी सीजन के लिए पर्याप्त आपूर्ति है, लेकिन किसानों को अपनी जरूरत की योजना पहले से बना लेनी चाहिए.”

पहले भी लगा था ऐसा प्रतिबंध

यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने फर्टिलाइजरों के निर्यात पर रोक लगाई है. 2023 और 2024 में भी चीन ने DAP और स्पेशलिटी फर्टिलाइजर पर रोक लगाई थी. बाद में अगस्त 2025 में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बैठक के बाद यह रोक अस्थायी रूप से हटाई गई थी. हालांकि, उसी दौरान चीन ने संकेत दिया था कि वह अक्टूबर में फिर से प्रतिबंध लगा सकता है और अब उसने ऐसा कर भी दिया है.

कृषि पर असर और आगे की स्थिति

भारत में कृषि क्षेत्र पहले ही महंगे इनपुट्स की वजह से दबाव में है. फर्टिलाइजर कीमतों में बढ़ोतरी से किसानों की लागत बढ़ेगी, जिससे खाद्यान्न की कीमतों पर भी असर पड़ सकता है. अगर चीन का यह प्रतिबंध लंबे समय तक जारी रहता है, तो भारत को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और तकनीकी रूप से उन्नत फर्टिलाइजरों के स्वदेशी निर्माण पर ध्यान देना होगा.

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