Poultry Farmer: सर्दी की दस्तक के साथ ही मार्केट में अंडे की मांग बढ़ गई है. इससे कीमतों में बढ़ोतरी भी शुरू हो गई है. खासकर तमिलनाडु के नमक्कल में अंडे की होलसेल कीतम में कुछ ज्यादा ही उछाल देखने को मिल रहा है. इससे मुर्गी पालकों के साथ-साथ व्यापारियों के भी चेहरे खिल गए हैं. कहा जा रहा है कि कई महीनों की सुस्ती के बाद अब नमक्कल में अंड का बाजार पटरी पर आया है. मौजूदा वक्त में अंडे का रेट 5.65 रुपये प्रति पीस हो गया है. व्यापारियों का कहना है कि जैसे-जैसे ठंड और शीतलहर बढ़ेगी, वैसे-वैसे अंडे की मांग बढ़ने पर कीमतों में भी इजाफा होगा.
दरअसल, नमक्कल देश का प्रमुख पोल्ट्री उत्पादन केंद्र है. यहां से अंडों की सप्लाई देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में होती है. नवंबर महीने के आगमन के साथ ही अंडों के दाम फिर से बढ़ने लगे हैं. हालांकि, बरसात और त्योहारों के मौसम में मांग कम होने से दाम गिरे थे, लेकिन अब बाजार में फिर से तेजी दिख रही है. नेशनल एग कोऑर्डिनेशन कमेटी (NECC) के आंकड़ों के मुताबिक, 9 जुलाई को एक अंडे की कीमत 5.75 रुपये थी, जो महीने के अंत तक गिरकर 4.25 रुपये हो गई. सावन और नागपंचमी, जन्माष्टमी जैसे त्योहारों में अंडे की खपत घटने से यह गिरावट आई थी. इसके बाद धीरे-धीरे दाम बढ़ने लगे, लेकिन नवंबर की शुरुआत तक 5.50 रुपये से नीचे ही रहे. अब 9 नवंबर तक यह बढ़कर 5.65 रुपये पहुंच गए हैं, जो मांग में सुधार का संकेत है.
6 रुपये तक पहुंच सकती है अंडे की कीमत
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मक्कल के पोल्ट्री किसान सी. ससिकुमार का कहना है कि सर्दियों में अंडों की खपत बढ़ने से दामों में बढ़ोतरी आम बात है. क्योंकि ठंड में लोग ज्यादा अंडे खाते हैं, इसलिए मांग बढ़ती है. साथ ही निर्यात भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि फिलहाल दाम पिछले साल से थोड़े कम हैं. नवंबर 2024 में रेट करीब 5.85 रुपये था. इस बार थोड़ा कम है, लेकिन जल्द ही 6 रुपये तक पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि मांग करीब 6-7 फीसदी बढ़ी है और अगर चारे की कीमत स्थिर रही तो दाम और बढ़ेंगे. व्यापारियों का मानना है कि खपत और निर्यात ऑर्डर में लगातार सुधार के चलते अंडों की कीमतें दिसंबर तक बढ़ती रह सकती हैं.
अंडा निर्यात में बढ़ोतरी
वहीं, पिछले हफ्ते खबर सामने आई थी कि साल 2025-26 की पहली छमाही में भारत का पोल्ट्री निर्यात पिछले साल की तुलना में दोगुना बढ़कर करीब 149 मिलियन डॉलर पहुंच गया है. यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से मध्य पूर्व के देशों, खासकर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और ओमान से आई मजबूत मांग की वजह से हुई है. बीते साल इसी अवधि में भारत ने करीब 71.16 मिलियन डॉलर के पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात किया था.