कटाई सीजन में कौन सा हार्वेस्टर है सबसे बेहतर? जानें तीनों मशीनों का पूरा फर्क

पहले जहां कटाई पूरी तरह मजदूरों पर निर्भर रहती थी, आज हार्वेस्टर मशीनें किसानों के बहुत काम आ रही हैं. ये मशीनें केवल फसल काटती ही नहीं, बल्कि मड़ाई और सफाई भी साथ-साथ कर देती हैं. इससे मेहनत भी कम होती है और फसल का नुकसान भी बहुत कम होता है.

नई दिल्ली | Published: 12 Dec, 2025 | 10:35 AM

खेती के आधुनिक दौर में सबसे बड़ी चुनौती समय पर काम पूरा करना है. बुवाई, जुताई और खासकर कटाई-ये तीनों काम किसान की मेहनत और फसल की कमाई तय करते हैं. पहले जहां कटाई पूरी तरह मजदूरों पर निर्भर रहती थी, आज हार्वेस्टर मशीनें किसानों के बहुत काम आ रही हैं. ये मशीनें केवल फसल काटती ही नहीं, बल्कि मड़ाई और सफाई भी साथ-साथ कर देती हैं. इससे मेहनत भी कम होती है और फसल का नुकसान भी बहुत कम होता है. इसी वजह से आज गांवों में हार्वेस्टर की मांग लगातार बढ़ रही है.

लेकिन बाजार में हार्वेस्टर कई प्रकार के आते हैं, और किसान अक्सर उलझ जाते हैं कि कौन सा मॉडल उनके लिए सही रहेगा. तो चलिए जानते हैं किसानों के इसी सवाल का जवाब.

हार्वेस्टर कितने प्रकार के होते हैं?

भारत में किसानों की जरूरतों को देखते हुए हार्वेस्टर मुख्य रूप से तीन बड़े प्रकार में उपलब्ध हैं. ट्रैक्टर माउंटेड हार्वेस्टर, सेल्फ प्रोपेल्ड हार्वेस्टर, और शुगरकेन हार्वेस्टर. हर मशीन की अपनी खूबियां हैं और हर किसान की जरूरत अलग. इसलिए सही चुनाव करना जरूरी है.

ट्रैक्टर माउंटेड हार्वेस्टर: छोटे और मध्यम किसानों की पहली पसंद

ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय यही मशीन है. ट्रैक्टर में सीधे फिट होने वाली यह मशीन लागत में कम और काम में तेज होती है. किसानों के लिए यह इसलिए भी फायदेमंद है क्योंकि अलग से इंजन वाली कोई नई मशीन खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती ट्रैक्टर ही इसका इंजन बन जाता है. यह गेहूं, धान, चना, सोयाबीन जैसी अधिकांश फसलों को आसानी से काट सकता है.

छोटे खेतों में भी अच्छी तरह घूम जाता है और ईंधन की खपत भी कम होती है. इसी वजह से सीमांत किसान इसे “सही निवेश” मानते हैं. जिन किसानों के पास पहले से ट्रैक्टर है, उनके लिए यह एक बेहतरीन और बजट-फ्रेंडली विकल्प बन जाता है.

सेल्फ प्रोपेल्ड हार्वेस्टर: बड़े किसानों के लिए हाई-टेक समाधान

अगर किसी किसान के पास बड़े क्षेत्र में खेती है, तो यह हार्वेस्टर उनके लिए बिल्कुल परफेक्ट है. यह एक बड़ी मशीन होती है, जिसमें खुद का इंजन, ड्राइवर केबिन और आधुनिक कटाई प्रणाली होती है. यह एक दिन में कई एकड़ खेत की कटाई कर सकती है, इसलिए बड़े किसानों या कॉन्ट्रैक्ट हार्वेस्टिंग करने वालों के लिए यह बड़ी मदद साबित होती है.

इसके मजबूत इंजन और चौड़ी कटिंग ब्लेड की वजह से कटाई तेज होती है और अनाज टूटने की संभावना कम रहती है. मशीन खराब मौसम में भी बेहतर प्रदर्शन करती है, इसलिए जहां फसल बहुत ज्यादा होती है, वहां इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है.

शुगरकेन हार्वेस्टर: गन्ना किसानों का सबसे बड़ा सहारा

गन्ने की कटाई हमेशा से कठिन मानी जाती है, समय भी ज्यादा लगता है और मजदूरों की मांग भी. इसी समस्या को हल करने के लिए शुगरकेन हार्वेस्टर एक बेहतरीन तकनीक के रूप में सामने आया है.

यह मशीन गन्ने को सही ऊंचाई पर काटती है, पत्तियां और कचरा अलग करती है और साफ-सुथरे गन्ने को ट्रॉली में भर देती है. बड़ी गन्ना बेल्ट वाले क्षेत्रों जैसे यूपी, महाराष्ट्र और कर्नाटक में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है.

किस किसान के लिए कौन सा हार्वेस्टर है सही?

हर किसान की जरूरत अलग होती है छोटे किसान कम लागत में जल्दी काम चाहते हैं, बड़े किसान समय बचाना चाहते हैं और गन्ना किसान साफ-सुथरा उत्पादन. अगर किसान सही मशीन चुन ले तो कई वर्षों तक यह उनके खेत का सबसे भरोसेमंद साथी बन सकती है.

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