महिंद्रा का नया हाईटेक ट्रैक्टर बढ़ाएगा राजस्थान के खेतों की ताकत, जानिए क्या हैं इसकी खूबियां

देश की नंबर 1 ट्रैक्टर निर्माता कंपनी महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने राजस्थान के किसानों के लिए एक बेहतरीन तोहफा दिया है. जयपुर में बने ट्रैक्टरों के साथ mLIFT प्रिसिजन हाइड्रोलिक सिस्टम लॉन्च किया गया है, जो खेती को और भी आसान, तेज और सटीक बनाने में मदद करेगा.

नई दिल्ली | Updated On: 9 Jul, 2025 | 03:29 PM

राजस्थान की धरती पर खेती हमेशा चुनौतियों से भरी रही है. कभी मौसम की मार तो कभी मशीनों की कमी, लेकिन अब एक अच्छी खबर है. देश की नंबर 1 ट्रैक्टर निर्माता कंपनी महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने राजस्थान के किसानों के लिए एक बेहतरीन तोहफा दिया है. जयपुर में बने ट्रैक्टरों के साथ mLIFT प्रिसिजन हाइड्रोलिक सिस्टम लॉन्च किया गया है, जो खेती को और भी आसान, तेज और सटीक बनाने में मदद करेगा. तो आइए जानते हैं इसके बारे में हर जरूरी बात.

mLIFT तकनीक क्या है?

महिंद्रा का mLIFT प्रिसिजन हाइड्रोलिक सिस्टम एक अत्याधुनिक तकनीक है, जो ट्रैक्टर की कार्यक्षमता को कई गुना बढ़ा देती है. यह तकनीक खासतौर पर राजस्थान जैसे विविध कृषि परिस्थितियों वाले प्रदेश के लिए तैयार की गई है. खेत की जुताई, बीज बोना, भारी उपकरण चलाना या जमीन की समतलीकरण-mLIFT हर कार्य में ट्रैक्टर को ज्यादा सटीक, तेज और शक्तिशाली बनाता है.

इसमें मौजूद लोड सेंसिंग सिस्टम, वेरिएबल डिस्प्लेसमेंट पंप और इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल्स की मदद से ट्रैक्टर बहुत ही स्मूद ऑपरेशन करता है, जिससे ईंधन की बचत भी होती है और मशीन की उम्र भी बढ़ती है. साथ ही इसमें दिया गया PC-DC कंट्रोल (Pressure Compensation & Directional Control) तकनीक ट्रैक्टर के संचालन को और ज्यादा सहज और प्रभावी बनाती है. कुल मिलाकर, mLIFT सिस्टम खेती के हर स्तर पर किसानों की मेहनत को कम और उत्पादन को ज्यादा करने में मदद करता है.

राजस्थान के लिए खास मॉडल्स में mLIFT की ताकत

mLIFT तकनीक को महिंद्रा ने तीन लोकप्रिय मॉडल्स में शामिल किया है जो खासतौर पर राजस्थान की खेती के लिए अनुकूल हैं:

1. Mahindra 275 DI XP Plus

इस ट्रैक्टर में 3-सिलेंडर ELS DI इंजन है जो 152 Nm का दमदार टॉर्क देता है. इसकी 1500 किलोग्राम की हाइड्रोलिक उठाने की क्षमता इसे छोटे और मध्यम किसान के लिए बेहतरीन बनाती है.

ईंधन की खपत: 191 gm/hp-hr, यानी जबरदस्त माइलेज

हाइड्रोलिक फ्लो: 32.1 LPM

एयर क्लीनर: वेट एयर क्लीनर प्री-क्लीनर के साथ, जो धूल भरे इलाकों के लिए जरूरी है

स्टीयरिंग: पावर व मैकेनिकल दोनों विकल्प

रेडिएटर: ज्यादा क्षमता वाला, ताकि गर्मी में भी ठंडा रहे

2. Mahindra 475 DI MS XP Plus

इस मॉडल में 4-सिलेंडर इंजन है जो 194 Nm टॉर्क और 21 फीसदी  बैकअप टॉर्क देता है, जिससे ट्रैक्टर भारी काम में भी पीछे नहीं हटता.

गियर: 8 फॉरवर्ड, 2 रिवर्स

टायर: 13.6 x 28- मजबूत पकड़ और संतुलन

रेडिएटर व एयर क्लीनर: गर्मी और धूल दोनों से बचाव

YCV ऑप्शन: जिससे PTO की स्पीड को नियंत्रित किया जा सकता है

बढ़िया ट्रॉली खींचने की क्षमता, यानी ढुलाई में भी जबरदस्त प्रदर्शन

3. Mahindra 575 DI XP Plus

ये मॉडल 207 Nm का टॉर्क देता है, साथ में 15 फीसदी बैकअप टॉर्क, जो इसे भारी कामों के लिए परफेक्ट बनाता है.

ईंधन की खपत: 185 gm/hp-hr, यानी अधिक काम में भी कम डीजल खर्च

लिफ्टिंग कैपेसिटी: 1500 किलो

एयर क्लीनर व रेडिएटर: अत्यधिक धूल और गर्मी से बचाव

डिजाइन: ज्यादा स्थिरता और बेहतर ढुलाई क्षमता

किसानों को मिलेगा 6 साल की वारंटी

जयपुर में तैयार किए गए महिंद्रा ट्रैक्टरों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें mLIFT प्रिसिजन हाइड्रोलिक सिस्टम के साथ 6 साल की स्टैंडर्ड वारंटी दी जा रही है. यानी किसान सिर्फ एक नया ट्रैक्टर नहीं खरीदते, बल्कि उन्हें लंबे समय तक बेफिक्री और भरोसे की गारंटी भी मिलती है. यह वारंटी न केवल ट्रैक्टर के परफॉर्मेंस को लेकर आत्मविश्वास बढ़ाती है, बल्कि इससे किसानों को मेंटेनेंस लागत में भी बड़ी राहत मिलती है. महिंद्रा का यह कदम किसानों की जरूरत और सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखकर उठाया गया है.

राजस्थान में मिलेंगे ये ट्रैक्टर

महिंद्रा ट्रैक्टरों की यह नई और उन्नत रेंज अब राजस्थान के सभी अधिकृत महिंद्रा डीलरशिप पर उपलब्ध है. किसान खरीफ सीजन की शुरुआत से पहले इन ट्रैक्टरों को खरीदकर अपने खेती कार्यों में गति, सटीकता और उत्पादकता ला सकते हैं. mLIFT तकनीक से सुसज्जित ये ट्रैक्टर न केवल खेती को आसान बनाएंगे, बल्कि किसानों की मेहनत को भी कम करेंगे. चाहे बात हो भूमि तैयार करने की या बीज बोने की, यह नई रेंज हर काम में किसानों का मजबूत साथी बनकर उभरेगी.

कहां बनते हैं ये ट्रैक्टर?

राजस्थान में खेती को मजबूती देने वाला महिंद्रा का ट्रैक्टर प्लांट जयपुर-किशनगढ़ एक्सप्रेसवे, सांगानेर के पास स्थित है. यह राज्य का एकमात्र ट्रैक्टर निर्माण प्लांट है, जिसकी स्थापना वर्ष 2002 में हुई थी. इस अत्याधुनिक फैक्ट्री में 700 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जो खेती के लिए जरूरी मशीनों को विकसित करने में दिन-रात जुटे रहते हैं.

यह प्लांट सालाना 54,000 ट्रैक्टर बनाने की क्षमता रखता है. यहां 15 से 50 हॉर्सपावर की रेंज में 40 से ज्यादा वेरिएंट्स तैयार किए जाते हैं, जो न सिर्फ खेती बल्कि गैर-कृषि कार्यों में भी किसानों के लिए उपयोगी हैं. अब तक 3.5 लाख से ज्यादा ट्रैक्टर और ट्रांसमिशन यूनिट इस प्लांट से बनकर देशभर में भेजे जा चुके हैं. यह प्लांट न सिर्फ तकनीकी रूप से सशक्त है, बल्कि राजस्थान के ट्रैक्टर निर्माण क्षेत्र में एक बड़ी पहचान भी बन चुका है.

Published: 9 Jul, 2025 | 03:24 PM