शिवराज सिहं चौहान बोले- क्लेम भुगतान में देरी होने पर किसानों को 12 प्रतिशत ब्याज देंगी बीमा कंपनियां
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राजस्थान ने पिछले दो साल में विकास की नई मिसाल पेश की है. उन्होंने बताया कि राज्य में 12,600 सड़कों के निर्माण के लिए 2,089 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आत्मनिर्भर और मजबूत बन रहा है.
Rajasthan News: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता सिटी में एक बड़े किसान सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने कई योजनाओं के तहत किसानों के बैंक खातों में DBT के जरिए सहायता राशि ट्रांसफर की. सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पिछले दो वर्षों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत राजस्थान को 29,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बीमा राहत मिली है. उन्होंने कहा कि अब योजना में यह प्रावधान भी जोड़ा गया है कि अगर क्लेम भुगतान में देरी होती है, तो बीमा कंपनियों को किसानों को 12 प्रतिशत ब्याज देना होगा.
कृषि क्षेत्र की बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान में खेती में तेजी से प्रगति हुई है. जलवायु के अनुकूल और अधिक पैदावार देने वाली नई किस्मों से किसानों की आय बढ़ी है और लागत कम हुई है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को केंद्र के 6,000 रुपये के साथ राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त 3,000 रुपये मिल रहे हैं, यानी कुल 9,000 रुपये की मदद दी जा रही है.
मूंग की खरीद के लिए 2,680 करोड़ रुपये की मंजूरी
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दिखाई है. उन्होंने बताया कि MSP को दोगुना किया गया है. इस साल राजस्थान से 3.05 लाख मीट्रिक टन मूंग की खरीद के लिए 2,680 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. इसके अलावा 5.54 लाख मीट्रिक टन मूंगफली और 2.65 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की खरीद भी जारी है. उन्होंने साफ कहा कि किसानों को सही दाम देने में केंद्र सरकार कोई कमी नहीं छोड़ेगी.
रोजगार के दिन 100 से बढ़ाकर 125 कर दिए गए
केंद्रीय मंत्री ने ‘विकसित भारत- जी राम जी’ योजना को ग्रामीण भारत के लिए बड़ा बदलाव लाने वाली योजना बताया. उन्होंने कहा कि विपक्ष इसकी बेवजह आलोचना कर रहा है, जबकि यह कानून गांवों का कायाकल्प करेगा. इस योजना में रोजगार के दिन 100 से बढ़ाकर 125 कर दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि यूपीए सरकार के समय मनरेगा पर जहां 40,000 करोड़ रुपये खर्च होते थे, वहीं अब मोदी सरकार में यह खर्च बढ़कर सालाना 1.11 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इस साल के लिए 1.51 लाख करोड़ रुपयेसे ज्यादा का बजट प्रस्तावित है.
सालाना 13,000 करोड़ रुपये का प्रावधान
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस नई योजना में गांव के विकास की योजना बनाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों को दी गई है. अगले पांच साल में इस योजना पर 7.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य है. इसमें जल संरक्षण को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी. किसानों और मजदूरों की सुरक्षा के लिए नए नियम बनाए गए हैं, जिनमें समय पर भुगतान न होने पर ब्याज देना अनिवार्य होगा. प्रशासनिक खर्च को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत किया गया है, ताकि रोजगार सहायकों और पंचायत कर्मियों को समय पर वेतन मिल सके. इसके लिए सालाना 13,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और खेती के मौसम के हिसाब से मजदूरों की जरूरत पूरी की जाएगी.