किसानों को मक्का-गेहूं और हल्दी के लिए MSP से दोगुना मिलेगा दाम, आत्मा विंग में रजिस्ट्रेशन शुरू

राज्य सरकार का कहना है कि जैविक खेती करने वाले किसानों से मक्का के लिए 40 रुपये प्रति क्विंटल का दाम दिया जाएगा. यह दाम एमएसपी 24 रुपये से लगभग दोगुना है.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Updated On: 4 Aug, 2025 | 09:09 PM

प्राकृतिक खेती मिशन के तहत ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है. ऑर्गेनिक और नेचुरल तरीके से उगाई गई फसलों के लिए किसानों को एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक दाम मिलेगा. हिमाचल प्रदेश सरकार ने कृषि विभाग की सरकारी जमीन को पूरी तरह से ऑर्गेनिक खेती करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित कर रखा है. जबकि, केंद्र की ओर से फसल की तय कीमत से अधिक किसानों को देने की घोषणा की है.

मक्का-गेहूं के लिए MSP से दोगुना दाम मिलेगा

प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार राज्यभर में आत्मा विंग के जरिए जागरूकता अभियान चला रही है. राज्य सरकार का कहना है कि जैविक खेती करने वाले किसानों से मक्का के लिए 40 रुपये प्रति क्विंटल का दाम दिया जाएगा. जबकि, गेहूं के दाम के लिए 60 रुपये प्रति किलो कीमत देने की घोषणा की गई है. जबकि, केंद्र सरकार की ओर से मक्का के लिए 24 रुपये प्रति किलो तो गेहूं के लिए 24 रुपये प्रति किलो न्यूनतम समर्थन मूल्य तय कर रखा है.

हल्दी के लिए 9000 रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा दाम

हिमाचल सरकार ने राज्य के किसानों के हल्दी की खेती बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए अधिक दाम देने का ऐलान किया है. बता दें कि राज्य सरकार हल्दी के उत्पादन में देश में पहला स्थान बनने की ओर अग्रसर है. हिमाचल प्रदेश सरकार के अनुसार हल्दी के लिए किसानों को 90 रुपये प्रति किलो दाम किया जाएगा. सरकार का कहना है कि हल्दी किसानों को मसाला फसलों की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ भी दिया जाएगा.

आत्मा विंग के जरिए राज्यभर में अभियान

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग के “आत्मा विंग” के तहत एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में किसानों को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों से मुक्त खेती करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. विभाग द्वारा गांव-गांव जाकर फार्म भरवाए जा रहे हैं ताकि इच्छुक किसान प्राकृतिक खेती के लिए पंजीकरण कर सकें.

उपज क्वालिटी सुधरेगी और कीट कम लगेंगे

राज्य कृषि विभाग के अनुसार इस योजना का उद्देश्य किसानों को गोबर और प्राकृतिक संसाधनों से बनी खाद व कीटनाशकों के उपयोग के लिए प्रेरित करना है. इससे फसलों की गुणवत्ता में सुधार होगा और कीट भी कम लगेंगे. सरकार जैविक खेती को अपनाने वाले किसानों को आर्थिक रूप से भी लाभ दे रही है. इस योजना के जरिए मिट्टी की उर्वरा शक्ति में तो सुधार होगा ही, पर्यावरण को भी लाभ पहुंचेगा.

आत्मा विंग के फॉर्म जमाकर अधिक दाम का लाभ लें किसान

राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि तय एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक कीमत उन्हीं फसलों की खरीद के लिए किसानों को दी जाएगी, जो आत्मा विंग के तहत पंजीकृत होंगे और जैविक खेती के नियमों का पालन करेंगे. हिमाचल प्रदेश के इच्छुक किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय या आत्मा विंग कार्यालय में जाकर फार्म भर सकते हैं और इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

Published: 4 Aug, 2025 | 08:27 PM

किस देश को दूध और शहद की धरती (land of milk and honey) कहा जाता है?

Poll Results

भारत
0%
इजराइल
0%
डेनमार्क
0%
हॉलैंड
0%