किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती में खर्च कम करने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज संभाग में 6,375 किसान अब गौ-आधारित जैविक खेती को अपनाएंगे. ये किसान ‘नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग’ के तहत चलाई जा रही पहल के तहत गौ-आधारित जैविक खेती करेंगे. इसका उद्देश्य टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना और प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी और फतेहपुर जिलों के किसानों को सशक्त बनाना है. साथ ही इन किसानों को प्रति एकड़ 4,000 रुपये का प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी.
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक एसपी श्रीवास्तव ने कहा कि इन चारों जिलों में 51 विशेष क्लस्टर बनाए गए हैं. प्रयागराज में 12, प्रतापगढ़ में 22, फतेहपुर में 9 और कौशांबी में 8 क्लस्टर शामिल हैं. हर क्लस्टर में 50 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल होगा, यानी कुल 2,550 हेक्टेयर जमीन पर अब प्राकृतिक खेती की जाएगी.
4,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी जाएगी
खास बात यह है कि प्राकृतिक खेती करने के लिए राज्य सरकार की तरफ से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसके लिए उन्हें आर्थिक मदद दी जा रही है. एसपी श्रीवास्तव ने कहा कि हर किसान को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सालाना 4,000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी जाएगी.
हर महीने 5,000 रुपये मानदेय मिलेगा
इसके अलावा, 102 ग्रामीण महिलाओं को इस योजना में किसानों को जागरूक करने और मार्गदर्शन देने के लिए चुना गया है. इन महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है और वे जुलाई से काम शुरू करेंगी. सरकार की ओर से उन्हें हर महीने 5,000 रुपये मानदेय भी दिया जाएगा.
कोल्ड स्टोरेज और मार्केटिंग की मिलेगी सुविधाएं
श्रीवास्तव ने कहा कि कार्यक्रम को लंबे समय तक सफल बनाने के लिए सरकार किसानों को एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) से जोड़ रही है. इससे किसानों को फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम हायरिंग सेंटर, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज और उन्नत मार्केटिंग जैसी सुविधाएं मिलेंगी. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाना है और इसे हर ग्राम पंचायत तक पहुंचाना है.
पूर्वांचल और मध्य यूपी में भी लागू होगी योजना
श्रीवास्तव ने कहा कि बुंदेलखंड में इस योजना की सफलता के बाद अब इसे पूर्वांचल और मध्य यूपी में भी लागू किया जा रहा है. यह पहल राज्य के आत्मनिर्भर कृषि विजन से जुड़ी है, जिसमें महंगे रासायनिक खाद और कीटनाशकों पर निर्भरता कम करके किसानों को सशक्त बनाया जा रहा है.