असम सरकार ने राज्य के सरकारी चाय बागानों में काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी बढ़ाकर ₹250 प्रतिदिन करने का फैसला किया है. यह नई मजदूरी 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगी. इससे पहले मजदूरों को ₹220 प्रतिदिन मिलते थे.
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने यह घोषणा इंटरनेशनल टी डे के मौके पर की. उन्होंने कहा कि यह कदम असम टी कॉरपोरेशन लिमिटेड (ATCL) के मजदूरों को ब्रह्मपुत्र घाटी के निजी बागानों में काम करने वाले मजदूरों के बराबर लाने के लिए उठाया गया है, जो पहले से ₹250 प्रतिदिन पा रहे हैं.
चाय समुदाय के लिए और भी योजनाएं
मुख्यमंत्री सरमा ने सिर्फ मजदूरी बढ़ाने की ही नहीं, बल्कि चाय मजदूर समुदाय के कल्याण के लिए कई और घोषणाएं भी कीं:
- 7 लाख से ज्यादा मजदूरों को एक बार में ₹5,000 की सहायता राशि दी जाएगी.
- आधुनिक मॉडल स्कूलों की स्थापना की जाएगी ताकि चाय बागानों में रहने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके.
- मोबाइल हेल्थ यूनिट्स के जरिए स्वास्थ्य सेवाएं उनके दरवाजे तक पहुंचाई जाएंगी.
- गर्भवती महिलाओं को वेतन क्षतिपूर्ति दी जाएगी, ताकि उन्हें आर्थिक परेशानी न हो.
असम की पहचान है चाय
मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय उद्योग असम की पहचान का एक अहम हिस्सा है और पिछले 200 वर्षों से यह न सिर्फ राज्य की अर्थव्यवस्था बल्कि संस्कृति का भी हिस्सा रहा है. उन्होंने चाय समुदाय को इंटरनेशनल टी डे की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “चाय जनजातियां असम के समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और हमारी सरकार पिछले चार सालों से उनके सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रही है.”