पंजाब की मंडियों में पहुंचा 153 लाख टन धान, जानें किस जिले में सबसे अधिक हुई खरीदी
पटियाला जिला धान उठान (लिफ्टिंग) में सबसे आगे है, जहां 10.87 लाख मीट्रिक टन धान पहले ही उठा लिया गया है. इसके बाद संगरूर (10.83 LMT) और बठिंडा (10.70 LMT) का स्थान है. अभी बठिंडा में सबसे ज्यादा 49,882 मीट्रिक टन बिना बिका धान बचा है.
Punjab News: पंजाब में धान की खरीदी अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है. अब तक राज्य की मंडियों में कुल 153 लाख मीट्रिक टन (LMT) धान पहुंच चुका है. इसमें संगरूर जिला सबसे आगे है, जहां 13.28 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है. इसके बाद बठिंडा में 12.53 लाख मीट्रिक टन और पटियाला में 11.20 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. वहीं, अमृतसर, तरनतारन, मोहाली और फाजिल्का जिले में धान की कटाई खत्म हो गई है. ऐसे में किसान मंडियों में नई उपज लेकर नहीं आ रहे हैं. इससे इन जिलों में खरीदी रूक गई है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, निजी व्यापारियों ने इस बार ज्यादा रुचि नहीं दिखाई और उन्होंने सिर्फ 17,585 मीट्रिक टन धान खरीदा है. अब तक आई 153 लाख मीट्रिक टन धान में से 152 लाख मीट्रिक टन (लगभग 99 फीसदी) की खरीद पूरी हो चुकी है. खरीदे गए धान में से 138 लाख मीट्रिक टन (90 फीसदी से अधिक) मंडियों से उठा लिया गया है.
पटियाला जिला धान उठान (लिफ्टिंग) में सबसे आगे है, जहां 10.87 लाख मीट्रिक टन धान पहले ही उठा लिया गया है. इसके बाद संगरूर में 10.83 लाख मीट्रिक टन और बठिंडा में 10.70 लाख मीट्रिक टन धान का उठान हुआ है. अभी बठिंडा में सबसे ज्यादा 49,882 मीट्रिक टन बिना बिका धान बचा है, जबकि मानसा में 27,450 मीट्रिक टन और बरनाला में 9,003 मीट्रिक टन धान शेष है.
15 सितंबर से शुरू हुई धान खरीदी
भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने मंगलवार तक अधिकांश जिलों में धान की खरीद बंद कर दी थी. इस बार सरकार ने धान खरीद का सीजन पहले शुरू किया. सामान्यतः यह 1 अक्तूबर से होता है, लेकिन इस साल इसे 15 सितंबर से शुरू किया गया, ताकि किसान अपनी फसल जल्दी मंडियों में ला सकें और ठंडी अक्तूवरी रातों में नमी की समस्या से बच सकें.
172 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य
राज्य सरकार ने इस साल 172 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था, जिसकी कीमत 2,389 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई थी. केंद्र सरकार ने इसके लिए सितंबर में 15,000 करोड़ रुपये और अक्तूबर में 27,000 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट (CCL) मंजूर की थी.
बाढ़ और बारिश से फसलों को पहुंचा नुकसान
हालांकि, अगस्त-सितंबर में आए असमयिक बाढ़ और भारी बारिश से पंजाब की धान फसल को काफी नुकसान हुआ, जिससे किसानों को परेशानी झेलनी पड़ी और खरीद प्रक्रिया भी प्रभावित हुई. इस बीच, सरकार ने कुछ जिलों में शर्तों के साथ खरीद (कंडीशनल प्रोक्योरमेंट) शुरू की, क्योंकि शक था कि पड़ोसी राज्यों से सस्ती धान अवैध रूप से पंजाब लाकर यहां न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेची जा रही थी.