Punjab News: पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में ‘शर्तों के साथ धान खरीद’ (conditional paddy procurement) लागू की है. यह कदम इसलिए उठाया गया है, क्योंकि आशंका है कि पड़ोसी राज्यों से सस्ता धान लाकर पंजाब की सरकारी एजेंसियों को बेचा जा रहा है. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से धान खरीदी में हो रहे फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगा और सरकार के खजाने को भी चूना नहीं लगेगा. हालांकि, अब तक पंजाब की मंडियों में 149.31 लाख मीट्रिक टन (LMT) धान खरीदी जा चुकी है.
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव राहुल तिवारी ने सोमवार को सभी जिला उपायुक्तों (DCs) को ‘शर्तों के साथ धान खरीद’ के बारे में निर्देश दिए. इसके साथ ही पंजाब में धान की खरीदी शर्तों के साथ शुरू हो गई है. वहीं, बुधवार से बिना जिला उपायुक्त की पूर्व अनुमति के धान नहीं खरीदा जाएगा. खरीद के दौरान एक कार्यपालक मजिस्ट्रेट मौजूद रहेंगे और खुद निरीक्षण करेंगे. सरकार ने अस्थायी खरीद केंद्र भी बंद करने शुरू कर दिए हैं.
इन जिलों में ‘शर्तों के साथ धान खरीद’ नियम लागू
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते यह व्यवस्था पहले ही सीमावर्ती जिले फाजिल्का, तरन तारन और अमृतसर में लागू की जा चुकी है. क्योंकि इन जिलों में बाढ़ से फसल को नुकसान होने के बावजूद धान की आवक पिछले साल जितनी ही रही. निर्देशों के अनुसार, सोमवार और मंगलवार को धान तभी खरीदा जाएगा जब किसान, मंडी निरीक्षक और एजेंसी पर्यवेक्षक धान के ढेर के साथ फोटो खिंचवाएं, जिसमें उस दिन का अखबार दिखना जरूरी होगा. यह फोटो उसी दिन शाम तक जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक को भेजनी होगी. बुधवार से सभी खरीद केवल DC की मंजूरी और मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ही होगी.
149.31 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी
अब तक पंजाब की मंडियों में 149.31 लाख मीट्रिक टन (LMT) धान खरीदी जा चुकी है. दो महीने पहले आई बाढ़ और बारिश से करीब 3.47 लाख एकड़ फसल खराब हुई थी. सरकार को शक है कि राजस्थान जैसे राज्यों से सस्ता धान लाकर पंजाब में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचा जा रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह गैरकानूनी काम कई सालों से चल रहा है, लेकिन इस साल स्थिति और गंभीर है.
160 लाख टन धान खरीदी की है उम्मीद
शुरुआत में धान खरीद का लक्ष्य 175 LMT रखा गया था, मगर अगस्त-सितंबर की बाढ़ से फसल को भारी नुकसान हुआ. इसका फायदा उठाकर कुछ लोग बाहर से धान लाकर बेचने लगे. सरकार पूरे सीजन सतर्क रही और फाजिल्का, मुक्तसर और बठिंडा में कई एफआईआर दर्ज की गईं. अब धान का सीजन लगभग खत्म हो चुका है. सरकार का नया अनुमान है कि कुल खरीद 155 से 160 लाख टन के बीच रहेगी, क्योंकि रोजाना आवक घट रही है. कल केवल 2.19 लाख टन धान मंडियों में पहुंचा.