पश्चिमी राजस्थान में हर साल राबड़ी दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, जो लोक परंपरा और पर्यावरण संरक्षण को जोड़ने वाला अनूठा उत्सव है. इस बार तीसरे राबड़ी दिवस का विषय था ‘रेगिस्तान की राबड़ी जलवायु-ज्ञान की मिठास’. यह आयोजन टिकाऊ कृषि और टिकाऊ भोजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था और अब यह पूरे इलाके में पर्यावरण जागरूकता का प्रतीक बन चुका है. इस वर्ष यह दिवस किसान मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को समर्पित किया गया, जिन्होंने किसानों के उत्थान के लिए कई अनमोल प्रयास किए.
लोक परंपरा और पर्यावरण का संगम
तीन साल पहले प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी ने संयुक्त राष्ट्र के ‘लैंड फॉर लाइफ अवार्ड’ से सम्मानित होकर यह पहल शुरू की थी. इसका मकसद था प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर टिकाऊ कृषि और स्वदेशी खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देना. इस उत्सव में राबड़ी जैसे पारंपरिक व्यंजन को न सिर्फ सम्मान मिलता है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की याद दिलाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी बन गया है.

Rabari Divas In Rajasthan
बीकानेर में उत्सव और पौधरोपण
बीकानेर के तिलक नगर स्थित जसनाथ जी की बाड़ी में पारंपरिक जसनाथी हवन-आरती के साथ 51 पौधों का रोपण किया गया. यह कार्य पर्यावरण की रक्षा और जैव विविधता को बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. चौधरी चरण सिंह विचार मंच के प्रवक्ता बीरबल नाथ जाखड़ ने बताया कि यह आयोजन न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि हमारी लोक संस्कृति और खानपान की परंपराओं को भी जीवित रखता है.
ग्रामीण समुदायों में एकता और जागरूकता
इस दिवस के अवसर पर पूरे पश्चिमी राजस्थान में पारिवारिक वानिकी मुहिम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर राबड़ी का लंगर लगाया गया। गंगानगर, सूरतगढ़, हनुमानगढ़, चूरू, बाड़मेर सहित कई जिलों में स्थानीय समाज ने मिलकर पर्यावरण जागरूकता फैलाने का काम किया. यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि ग्रामीण समुदायों में एकता और जागरूकता बढ़ाने का भी काम करती है.
‘रेगिस्तान की राबड़ी’ का पर्यावरणीय संदेश
‘रेगिस्तान की राबड़ी जलवायु-ज्ञान की मिठास’ थीम के तहत यह दिवस हमें हमारी पारंपरिक खाद्य प्रणाली की याद दिलाता है, जो कम जल, कम ऊर्जा और बिना किसी रासायनिक प्रक्रिया के पोषण प्रदान करती है. यह न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहतर है, बल्कि जलवायु संरक्षण में भी मददगार है. यह उत्सव हमें धरती के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने और पर्यावरण के संरक्षण के लिए प्रेरित करता है.