पल पल मौत के साए में जी रहा बिहार का एक ऐसा गांव.. जहां आजादी सिर्फ तारीखों में दर्ज होकर रह गई…यहां न सड़क है, न पक्का रास्ता, और न ही वो सुविधाएं जिनका जिक्र हर चुनाव में वादों की तरह होता है. आए दिन यहां नाले में गिरकर बच्चों की मौत हो जाती है… किस्मत से कुछ को बचा लिया जाता है. वहीं बद्किस्मती से कुछ अपनी जान गवां बैठते हैं.. आज हम आपको ले चलेंगे उस गांव में जहां के लोग हर दिन, हर कदम अपने ही हौसले के सहारे जिंदगी पार करते हैं बिल्कुल उसी बिजली के खंभे की तरह, जो अब इस गांव की ‘लाइफलाइन’ बन चुका है.