चक्रवात ‘सेन्यार’ ने बढ़ाई चिंता, अंडमान-निकोबार से लेकर बिहार-यूपी तक मौसम में बड़ा बदलाव

विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 24 घंटों तक यह तूफान अपनी ताकत बरकरार रखेगा. इसके बाद यह पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में बढ़ेगा और अचानक पूर्व की ओर मुड़ सकता है. आमतौर पर मलक्का जलडमरूमध्य के पास बनने वाले चक्रवात इसी पैटर्न पर आगे बढ़ते हैं और फिर कमजोर हो जाते हैं.

नई दिल्ली | Published: 29 Nov, 2025 | 07:25 AM

Today Weather: दक्षिण-पूर्व एशिया में मौसम का मिजाज इस वक्त काफी बदला हुआ है. समुद्र में उठी तेज हवाओं और भारी बादलों के बीच चक्रवात ‘सेन्यार’ तेजी से अपनी दिशा बदलता हुआ आगे बढ़ रहा है. मलक्का जलडमरूमध्य के पास इसकी रफ्तार ने इंडोनेशिया, मलेशिया और आसपास के तटीय क्षेत्रों में चिंता बढ़ा दी है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस तूफान की तेज हवाएं 70 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं और भूमि से टकराते समय यह गति 90 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है.

समुद्र के ऊपर यह तूफान जितना ताकतवर है, उसका असर जमीन पर भी धीरे-धीरे दिखने लगा है, चाहे वह अंडमान-निकोबार हो, दक्षिण भारत हो या फिर उत्तर भारत में ठंड का नया दौर.

चक्रवात सेन्यार की मौजूदा स्थिति

चक्रवात की दिशा बदलने की गति विशेषज्ञों के लिए भी चर्चा का विषय बनी हुई है. इस समय तूफान इंडोनेशिया के कुटा मकमुर से कुछ दूरी पर सक्रिय है और मलेशिया के जॉर्ज टाउन से लगभग 280 किलोमीटर पश्चिम में इसकी स्थिति बताई जा रही है. भारत के निकटतम क्षेत्र निकोबार द्वीप समूह के नानकॉरी से यह लगभग 580 किमी दूर है, जबकि कार निकोबार से 730 किमी दक्षिण-पूर्व में इसका प्रभाव दर्ज किया गया है.

हालांकि यह तूफान भारत के मुख्य भूभाग से काफी दूर है, फिर भी उसके प्रभाव से दक्षिण भारत और द्वीप क्षेत्रों में मौसम काफी बदल गया है. आसमान में घने बादल छा गए हैं और समुद्र में लहरें सामान्य से अधिक ऊंची उठ रही हैं.

अंडमान-निकोबार और दक्षिण भारतीय राज्यों पर पहला असर

मौसम विभाग ने साफ कहा है कि सबसे पहले असर अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पर पड़ेगा. क्योंकि यह इलाका तूफान के मार्ग से सबसे नजदीक है. यहां पहले से ही तेज हवा और बारिश की स्थिति बनी हुई है. तमिलनाडु और पुडुचेरी में भी आसमान में काले बादल छा चुके हैं. तटीय इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश की शुरुआत हो चुकी है और मछुआरों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे अगले कुछ दिनों तक समुद्र में बिल्कुल न उतरें. मलक्का जलडमरूमध्य और दक्षिण अंडमान सागर के आसपास समुद्री गतिविधियों को लेकर भी चेतावनी जारी है.

अगले 24 घंटे बेहद अहम – इसके बाद कमजोर पड़ सकता है तूफान

विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले 24 घंटों तक यह तूफान अपनी ताकत बरकरार रखेगा. इसके बाद यह पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में बढ़ेगा और अचानक पूर्व की ओर मुड़ सकता है. आमतौर पर मलक्का जलडमरूमध्य के पास बनने वाले चक्रवात इसी पैटर्न पर आगे बढ़ते हैं और फिर कमजोर हो जाते हैं. इसी कारण से माना जा रहा है कि शनिवार तक इसकी रफ्तार और ताकत कम हो जाएगी और खतरा धीरे-धीरे घटने लगेगा.

दिल्ली में बदल रहा मौसम

चक्रवात का सीधा असर भले ही उत्तर भारत पर नहीं पड़ेगा, लेकिन देश भर के मौसम में जो बदलाव आया है, वह दिल्ली सहित कई शहरों में महसूस किया जा रहा है. पिछले दो हफ्तों से खराब वायु गुणवत्ता झेल रही दिल्ली का न्यूनतम तापमान शनिवार रात गिरकर आठ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. दिन का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दिल्ली में सुबह के समय आसमान बादलों से भरा दिख सकता है और हल्की हवा चलने की संभावना है. सर्दी धीरे-धीरे अपने चरम की ओर बढ़ रही है.

यूपी में शुष्क मौसम, लेकिन कोहरा बढ़ने के आसार

उत्तर प्रदेश में मौसम फिलहाल शुष्क बना रहेगा, लेकिन सुबह-सुबह कोहरा घना होने लगा है. कानपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, आगरा और बुलंदशहर में तापमान 10 डिग्री से कम दर्ज किया गया है. अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट की उम्मीद है. दिसंबर की शुरुआत साफ मौसम के साथ होगी, हालांकि रात के समय तेज ठंड और सुबह कोहरे का असर बढ़ सकता है.

बिहार में शीतलहर की दस्तक, कई जिलों में तापमान गिरेगा

बिहार में हाल के दिनों में पछुआ हवाओं ने ठंड बढ़ा दी है, लेकिन अब मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटे में शीतलहर जैसा मौसम बन सकता है. पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीवान, गोपालगंज और सीतामढ़ी जैसे जिलों में तापमान 10 डिग्री तक गिर सकता है.
सीमांचल के जिलों में हवा की रफ्तार 20–25 किमी प्रति घंटे तक रहने के आसार हैं, जिससे ठिठुरन और बढ़ जाएगी.

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