बढ़ते तापमान से गेहूं की फसल को बचाने के लिए हिसार यूनिवर्सिटी ने जारी की एडवाइजरी

फरवरी के तापमान ने कृषि वैज्ञानिकों के माथे पर बल डाल दिए हैं. यह वह महीना होता है जब कई फसलें खेत में तैयार खड़ी होती हैं और किसान उनकी कटाई के लिए तैयारी कर रहे होते हैं.

Kisan India
Updated On: 21 Feb, 2025 | 08:35 PM

फरवरी के तापमान ने कृषि वैज्ञानिकों के माथे पर बल डाल दिए हैं. यह वह महीना होता है जब कई फसलें खेत में तैयार खड़ी होती हैं और किसान उनकी कटाई के लिए तैयारी कर रहे होते हैं. गेहूं जो एक रबी की फसल है, उसके लिए फरवरी का महीना काफी अहम होता है. अक्‍टूबर से लेकर दिसंबर के महीने तक गेहूं की बुवाई और फिर मार्च से लेकर अप्रैल के महीने तक इसकी कटाई होती है. लेकिन फरवरी महीने में ही इतनी गर्मी ने वैज्ञानिकों की टेंशन बढ़ा दी है.

क्या कहती है एडवाइजरी ?

वैज्ञानिकों का कहना है कि दिन-रात का औसत तापमान 20 डिग्री से अधिक होने पर गेहूं की पैदावार प्रभावित हो सकती है. बढ़ते तापमान को देखते हुए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) ने गेहूं की फसल को गर्मी से बचाने के लिए पोटेशियम नाइट्रेट के छिड़काव की सलाह दी है. तापमान 20 डिग्री से अधिक होने पर किसान 100 लीटर पानी में 2 किलोग्राम पोटाशियम नाइट्रेट घोलकर छिड़काव करें. पहला स्प्रे करने के 10 दिन बाद दूसरा स्प्रे करें. इससे फसल की तापमान सहन करने की शक्ति बढ़ेगी और दाने की गुणवत्ता बनी रहेगी.

तापमान की वर्तमान स्थिति

हिसार में सोमवार को दिन का तापमान 29.4 डिग्री सेंटीग्रेट था और यह मंगलवार को घटकर 26.9 डिग्री सेंटीग्रेट हो गया था. रात का तापमान सामान्य से कम बना हुआ है, जिससे फसल को अभी अधिक खतरा नहीं है. पिछले वर्षों में फरवरी के तापमान में उतार-चढ़ाव तापमान बढ़ने के कारण कमजोर पश्चिमी विक्षोभ और कम बारिश के कारण हवा में नमी की कमी आई है. इससे दिन का तापमान सामान्य से 3-5 डिग्री अधिक बना हुआ है. हालांकि, पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होने से रात के तापमान में गिरावट आएगी, जिससे गेहूं की फसल को राहत मिलेगी.

क्या करें किसान ?

फसल में नमी बनाए रखने के लिए समय पर सिंचाई करें. तापमान अधिक होने पर पोटाशियम नाइट्रेट का छिड़काव करें. अगर बाली जल्दी निकल रही है, तो विशेषज्ञों से सलाह लें.

आगे क्या रहेगा मौसम ?

14 से 16 फरवरी के बीच हल्की बारिश के बाद तापमान में थोड़ी गिरावट देखी गई है. वैज्ञानिकों की मानें तो अगर तापमान 30 डिग्री के पार गया, तो फसल को नुकसान हो सकता है.

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Published: 21 Feb, 2025 | 08:35 PM

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