घर के गार्डन में आलू उगाना हुआ आसान, जानिए कब और कैसे करें खेती

अगर आपने सही समय और तरीके से आलू बोए हैं, तो जल्दी वाली किस्में करीब 2 से ढाई महीने में तैयार हो जाती हैं. मुख्य फसल वाली किस्में करीब 3 से 4 महीने में कटाई के लायक होती हैं.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 29 May, 2025 | 11:20 AM

आलू एक ऐसी फसल है जो स्वाद में भी जबरदस्त है और उगाने में भी बहुत आसान मानी जाती है. लेकिन बहुत से लोगों के मन में एक सवाल जरूर आता है “आलू बोने का सही समय क्या है?” अगर आप भी अपने खेत या घर के गार्डन में आलू उगाने का सोच रहे हैं, तो international potato day के मौके पर हम आपको बताएंगे कि आलू बोने का सही समय क्या है, कौन-सी किस्म कब बोनी चाहिए और इसे कैसे बोया जाता है.

आलू बोने का सही समय क्या है?

आलू एक ठंडी मौसम की फसल है, इसलिए इसे ठंड खत्म होते ही, जब मिट्टी थोड़ी गर्म हो जाए, बोया जाना चाहिए. भारत में आलू बोने का सबसे अच्छा समय मार्च से मई के बीच होता है. इस दौरान तापमान न ज्यादा ठंडा होता है और न ही बहुत गर्म, जिससे आलू का अंकुरण सही तरीके से होता है.

अगर मिट्टी अभी भी बहुत ठंडी या बहुत गीली है, तो आलू जल्दी नहीं उगते और कई बार सड़ भी जाते हैं. इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आलू तभी बोएं जब पाला (frost) जाने लगे और मिट्टी थोड़ी सूखी व हल्की गर्म हो जाए.

कौन-सी किस्म कब बोई जाती है?

आलू की किस्म के अनुसार भी बोने का समय थोड़ा बदल सकता है. जल्दी तैयार होने वाली किस्में, जैसे युकॉन गोल्ड या रेड ड्यूक ऑफ यॉर्क, को मार्च की शुरुआत में बोया जा सकता है. ये किस्में लगभग 60 से 80 दिनों में तैयार हो जाती हैं और जल्दी काटी जा सकती हैं.

वहीं दूसरी ओर, मुख्य फसल (maincrop) की किस्में जैसे किंग एडवर्ड या मैरिस पाइपर देर से बोई जाती हैं, आमतौर पर अप्रैल के अंत या मई की शुरुआत में. इनको तैयार होने में ज्यादा समय लगता है, लगभग 90 से 120 दिन.

मिट्टी की तैयारी कैसे करें?

आलू की अच्छी फसल के लिए मिट्टी की तैयारी सबसे जरूरी कदम है. सबसे पहले खेत या गार्डन की मिट्टी को अच्छी तरह से खोद लें ताकि वह भुरभुरी हो जाए. इसमें जड़ें, घास-फूस या पत्थर नहीं होने चाहिए.

इसके बाद मिट्टी में जैविक खाद (जैसे गोबर की खाद या कंपोस्ट) मिलाएं. आलू को पोषक तत्वों की अच्छी जरूरत होती है, और जैविक खाद उसकी जड़ों को मजबूत बनाती है. ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी जल्दी से निकलने की व्यवस्था होनी चाहिए, वरना आलू सड़ सकते हैं.

आलू कैसे बोना चाहिए?

आलू बोते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि बीज आलू (Seed Potato) सही और स्वस्थ हो. इन पर आंखें (छोटे उभार) जरूर होने चाहिए, क्योंकि वहीं से नई पत्तियां निकलती हैं. आलू को बोते समय इस बात का ध्यान रखें कि आंखें ऊपर की ओर रहें.

आलू को जमीन में करीब 6–8 इंच की गहराई में बोया जाता है और उसके ऊपर 2–3 इंच मिट्टी डाली जाती है. पंक्तियों के बीच 1.5 से 2 फीट का अंतर रखें ताकि पौधों को बढ़ने की पूरी जगह मिले.

जैसे-जैसे पौधा बड़ा होता है, उसके चारों ओर मिट्टी चढ़ाते रहें. इसे ‘earthing up’ कहा जाता है और इसका मकसद यह होता है कि सूरज की रोशनी सीधे कंदों पर न पड़े. वरना आलू हरे हो जाते हैं और खाने लायक नहीं रहते.

आलू की फसल कितने समय में तैयार होती है?

अगर आपने सही समय और तरीके से आलू बोए हैं, तो जल्दी वाली किस्में करीब 2 से ढाई महीने में तैयार हो जाती हैं. मुख्य फसल वाली किस्में करीब 3 से 4 महीने में कटाई के लायक होती हैं.

कटाई से कुछ दिन पहले सिंचाई बंद कर दें ताकि मिट्टी सूखी रहे और आलू आसानी से खुदाई में बाहर निकले. तैयार फसल को छांव में सूखाकर अच्छी तरह स्टोर करें.

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