जरूरत से ज्यादा स्टॉक के बाद भी किसानों को क्यों नहीं मिल रही खाद? ये है असली वजह

आंध्र प्रदेश के पूर्ववर्ती कृष्णा जिले में किसानों को यूरिया और DAP की खरीद के लिए लंबी कतारों में घंटों खड़ा होना पड़ रहा है. डर के कारण किसान जरूरत से ज्यादा उर्वरक खरीद रहे हैं, जबकि राज्य में पर्याप्त स्टॉक मौजूद है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 13 Aug, 2025 | 03:18 PM

आंध्र प्रदेश के गोदामों में जरूरत से ज्यादा यूरिया और डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP) का स्टॉक है, लेकिन इसके बाजूद किसानों को एक बोरी उर्वरक के लिए कतारों में घंटों खड़ा रहना पड़ रहा है. खास कर पूर्ववर्ती कृष्णा जिले के किसान कुछ ज्यादा ही खाद के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि किसान खाद की संभावित कमी और आगे सप्लाई न मिलने के डर से घबरा गए हैं. ऐसे में किसान यूरिया और DAP खरीदने के लिए प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटीज (PACS) और प्राइवेट दुकानों पर लंबी कतारों में घंटों अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, सरकार की ओर से यूरिया और DAP की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन किसान डर की वजह से जरूरत से ज्यादा खाद खरीद रहे हैं. इसके चलते गांवों और PACS केंद्रों पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया है. कई किसान सुबह-सुबह PACS पहुंच रहे हैं और घंटों लाइन में खड़े रहकर खाद पाने की कोशिश कर रहे हैं. पेडाना मंडल के किसान के. रघुरमय्या ने कहा कि सिर्फ एक बोरी यूरिया के लिए मैं पिछले चार घंटे से लाइन में खड़ा हूं. लेकिन हमारे कोंकेपुडी PACS को सिर्फ 220 बोरी मिली हैं, जबकि लाइन में 300 लोग खड़े हैं. मैं सरकार से मांग करता हूं कि PACS को और अधिक यूरिया सप्लाई की जाए, ताकि किसान परेशान न हों.

यूरिया और डीएपी की किल्लत

45 किलो के बोरी वाली यूरिया की कीमत 266 रुपये है. इसमें 46 फीसदी से ज्यादा नाइट्रोजन होता है, जो धान के पौधों की बढ़वार और पैदावार बढ़ाने में मदद करता है. वहीं, 50 किलो के बोरे में पैक्ड DAP की कीमत 1,350 रुपये है. यह जड़ों को मजबूत बनाता है और पौधे की पूरी सेहत के लिए जरूरी होता है. किसान इन दोनों खादों का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे मांग तेजी से बढ़ रही है और कभी-कभी स्थानीय दुकानों पर कमी भी हो जाती है.

मांग को पूरा करने के लिए NTR और कृष्णा जिलों की प्रशासनिक टीम ने सरकार को खाद की जरूरत के लिए आवेदन भेजे हैं. कृष्णा जिले के कृषि संयुक्त निदेशक मनोहरा राव ने कहा कि सप्लाई मांग के अनुसार की जा रही है. उन्होंने कहा कि किसान यूरिया का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, इसलिए कुछ जगहों पर कमी हो सकती है. लेकिन अभी भी पर्याप्त खाद उपलब्ध है.

स्टॉक में उपलब्ध है 88,248 मीट्रिक टन DAP

बता दें कि पिछले हफ्ते ही मुख्य सचिव के विजयनंद ने कहा था कि राज्य में किसानों की जरूरत के हिसाब से फिलहाल यूरिया और DAP खाद का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, इसलिए किसानों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है. बीते गुरुवार को उन्होंने राज्य सचिवालय से सभी जिला कलेक्टरों और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा था कि अगस्त महीने में राज्य को 1.65 लाख मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत है, जबकि वर्तमान में 2.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया फील्ड स्तर पर मौजूद है. इसी तरह, DAP की जरूरत 70,000 मीट्रिक टन है, लेकिन 88,248 मीट्रिक टन DAP पहले से ही उपलब्ध है. ऐसे में खाद को लेकर किसी भी किसान को चिंता करने की जरूरत नहीं है.

 

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Published: 13 Aug, 2025 | 03:13 PM

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