ओडिशा में भारी बारिश से 200 से अधिक गांव जलमग्न, हिमाचल में अब तक 72 की मौत और कई लापता
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा है कि सरकार ने सभी कलेक्टरों से 24 घंटे के अंदर नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट भेजने को कहा है, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द मुआवजा दिया जा सके.
Rain Alert: ओडिशा में 24 घंटे के दौरान भारी बारिश हुई. इससे चार जिलों के 200 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं और फसलों को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा है. वहीं, राज्य सरकार ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर सिस्टम के कारण आने वाले दिनों में और बारिश हो सकती है. ऐसे में किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है. सरकार ने सुंदरगढ़, संबलपुर, झारसुगुड़ा और क्योंझर जिले के कलेक्टरों को नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि मुआवजा जल्द दिया जा सके.
राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि भले ही नदियों का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन फिलहाल बाढ़ का खतरा नहीं है. फिर भी जिला प्रशासन को पूरी तैयारी रखने को कहा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, सुंदरगढ़ जिले के 10 ब्लॉकों के 128 से अधिक गांवों में पानी भर गया है. इससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. इसके अलावा झारसुगुड़ा जिले के 5 ब्लॉकों के 47 गांव बारिश से प्रभावित हुए हैं. जबकि, क्योंझर जिले के 4 ब्लॉकों के 16 गांवों में बारिश का असर हुआ है. इसी तरह संबलपुर के कुचिंडा ब्लॉक के 14 गांव बारिश से जलमग्न हो गए हैं.
सुरक्षित जगह पहुंचाए गए 722 लोग
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, झारसुगुड़ा जिले में 3 नगर निकाय और सुंदरगढ़ व संबलपुर जिले में 1-1 नगर निकाय भी बारिश से प्रभावित हुए हैं. झारसुगुड़ा जिला प्रशासन ने 722 लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया है और उन्हें पका हुआ भोजन दिया गया है. बारिश से लाइकेरा, किर्मिरा, लखनपुर और कोलाबीरा ब्लॉकों और झारसुगुड़ा, ब्रजराजनगर व बेलपाहर नगर क्षेत्रों के 47 गांवों में पानी भर गया और 265 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है.
यातायात व्यवस्था बाधित, सड़कों पर दरारें
वहीं, बारिश की वजह से झारसुगुड़ा में 4 किलोमीटर सड़क क्षतिग्रस्त हो गई और लखनपुर ब्लॉक में 10 किलोमीटर इलाके में संपर्क व्यवस्था बाधित हुई है. कोलाबीरा और लाइकेरा ब्लॉकों की सात सड़कों में करीब 500 मीटर तक दरारें भी देखी गई हैं. स्पेशल रिलीफ कमिश्नर (SRC) कार्यालय के अनुसार, सुंदरगढ़ जिले के निचले इलाकों से 412 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. जिले के हेमगिर, टंगरापाली, लेफ्रीपारा, सदर, सुबडेगा, बरगांव और चार अन्य ब्लॉकों के गांव बारिश से प्रभावित हुए हैं.
बारिश से सैकड़ों घरों को पहुंचा नुकसान
साथ ही बारिश से सुंदरगढ़ जिले में लगभग 90 घरों को नुकसान पहुंचा है. सिंकिपानी से करला, अमासरंगा से मझापाड़ा, चनकीर से हेमगिर और तुमुलिया से गोपालपुर तक की सड़कों को भी काफी नुकसान हुआ है. जिले के गाडियाजोर इलाके में एक लघु सिंचाई परियोजना भी क्षतिग्रस्त हो गई है. वहीं, संबलपुर जिले के कुचिंडा ब्लॉक में करीब 127 घर और क्योंझर जिले के हरिचंदनपुर, टेलकोई, नंसपाल और झुम्पुरा ब्लॉकों में 31 घर बारिश से प्रभावित हुए हैं. सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए झारसुगुड़ा और संबलपुर के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में एक-एक ODRAF टीम तैनात की है. झारसुगुड़ा और सुंदरगढ़ जिलों के कई ब्लॉकों में बारिश ने फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है.
राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा है कि सरकार ने सभी कलेक्टरों से 24 घंटे के अंदर नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट भेजने को कहा है, ताकि प्रभावित लोगों को जल्द मुआवजा दिया जा सके. सिंचाई से जुड़ी संरचनाओं को हुए नुकसान का आकलन जल संसाधन विभाग कर रहा है. इसी बीच, बंगाल की खाड़ी में बने नए लो-प्रेशर सिस्टम के कारण सोमवार दोपहर बालासोर समेत राज्य के कई हिस्सों में तेज बारिश हुई. मौसम विभाग ने कहा कि अगले 48 घंटों में बरगढ़, नुआपाड़ा, बलांगीर, सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, संबलपुर, देवगढ़, सोनपुर, बौध, कालाहांडी, नबरंगपुर और कुछ अन्य जिलों में भारी बारिश की संभावना है.
इन नदियों का बढ़ा जलस्तर
मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा है कि बारिश के कारण बुधबलंगा, सुवर्णरेखा, वंशधारा, रूषिकुल्या और जलका नदियों का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन अभी यह खतरे के निशान से नीचे है. फिलहाल बाढ़ का कोई खतरा नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर NDRF, ODRAF और फायर सर्विस की टीमें तैयार रखी गई हैं. इस बीच, हिराकुंड डैम के 20 स्लूइस गेट खोलकर इस मौसम का पहला बाढ़ का पानी छोड़ा गया है, जो मंगलवार तक मुंडली पहुंचेगा. जल संसाधन विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ चंद्रशेखर पाढ़ी ने कहा कि करीब 4 से 4.5 लाख क्यूसेक पानी मुंडली पहुंचेगा, लेकिन यह खतरे के निशान से नीचे ही रहेगा और किसी तरह की चिंता की बात नहीं है.
हिमाचल में अब तक 72 की मौत
वहीं, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी भारी बारिश का दौरा जारी है. इससे इंसान के साथ-साथ पशुओं को नुकसान पहुंचा है. हिमाचल में अब तक भारी बारिश की चपेट में आने से 72 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 37 लोग लापता हैं. यहां के कांगड़ा जिले में मूसलाधार बारिश जारी है, जिससे भागसूनाग, नगरोटा बगवान, शाहपुर, ज्वालामुखी और देहरा के पास रानीताल जैसे शहर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. लगातार जारी मॉनसून ने न केवल दैनिक जीवन को बाधित किया है, बल्कि सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की कमजोरी को भी उजागर किया है. जबकि, उत्तराखंड में भी भारी बारिश हो रही है. इससे पहाड़ों में कहीं-कहीं भूस्खलन का खतरा बना हुआ है. इसे देखते हुए जेसीबी और कर्मचारी तैनात किए गए हैं, ताकि भूस्खलन होने पर सड़क को तुरंत साफ किया जा सके.