नासिक के छात्रों ने तैयार की किसानों के लिए यह एक खास मशीन

छात्रों ने एक ऐसी मशीन तैयार की है जो गोभी की फसल की कटाई में किसानों को सुविधा देगी. यहां पर कई छात्र ऐसे हैं जो ग्रामीण इलाकों से और किसान परिवार से आते हैं.

Kisan India
Noida | Published: 21 Mar, 2025 | 12:31 PM

महाराष्‍ट्र के नाशिक जिले को कृषि तकनीक के सिलसिले में एक एडवांस्‍ड जिला माना जाता है. यहां पर कई कृषि संस्‍थान हैं जो अब छात्रों को कृषि तकनीक की बारीकियां सिखा रहे हैं. यहां के चांदवाद इलाके के एसएनजेबी इंस्‍टीट्यूट के छात्रों ने एक ऐसी मशीन तैयार की है जो पत्‍तागोभी की फसल की कटाई में किसानों को सुविधा देगी. यहां पर कई छात्र ऐसे हैं जो ग्रामीण इलाकों से और किसान परिवार से आते हैं. ऐसे में छात्रों को मालूम है कि किसानों की क्‍या समस्‍याएं हैं और उन्‍हें कैसे दूर किया जा सकता है. इसी बात को ध्‍यान रखकर ही इस मशीन को तैयार किया गया है.

दो महीने में तैयार हुई यह मशीन

ईसकल की रिपोर्ट के अनुसार इंस्‍टीट्यूट के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के फाइनल ईयर के छात्रों ने इस मशीन को तैयार किया है. विकास मोरे, प्रशांत गायकवाड़, आदित्‍य झालते, सहदेव डोलसे, सौरभ वागछाउरे, नेहा गंगुर्दे और स्‍नेहल हांगदे ने इस कैबेज हाइर्वेस्‍टर मशीन को तैयार करने में 60 दिन का समय लिया. साथ ही इसे बनाने में 97000 रुपये खर्च हुए. मशीन के तैयार हो जाने के बाद चांदवाद तालुका के अंबेगांव, चांदवाद सिवार और देवखार नगर इलाकों में इसके ट्रायल्‍स किए गए.

कैसे काम करेगी मशीन

इस मशीन को प्रयोग करने के लिए 25 से 35 हॉर्सपावर का ट्रैक्‍टर काफी है.
मशीन पर छह फुट लंबा रिपर को अटैच किया गया है जो पीटीओ की मदद से चलेगा.
मशीन की नौ पत्तियां गोभी को तने से काटने के लिए प्रयोग की जाती हैं.
एक हाइड्रॉलिक पंप इंस्‍टॉल किया गया है जो मशीन को जरूरत के मुताबिक अप और डाउन करेगा. ऐसे में ट्रैक्‍टर ड्राइवर इसे आसानी से ऑपरेट कर पाएंगे.
एक बार फसल कट जाने के बाद गोभी बेड कन्वेयर पर जाती है. यहां से यह ट्रैक्‍टर ट्रॉली में चली जाती है.
जो ट्राली गोली को कलेक्‍ट करने के लिए इंस्‍टॉल की गई है वह 109 सेंमी चौड़ी, 177 सेंमी लंबी और 120 सेंमी ऊंची है.
साथ ही यह करीब दो टन गोभी का वजन संभाल सकती है.

मशीन के और फायदे

इस मशीन को प्रयोग करना बहुत आसान है क्‍योंकि यह ट्रैक्‍टर से चलती है. इसे चलाने के लिए एक एकड़ में करीब 700 रुपये तक डीजल का खर्च आएगा. वहीं एक दिन में मशीन करीब पांच एकड़ खेत में लगी गोभी काट सकती है. ऐसे में मशीन की मदद से मजदूर पर आने वाली लागत बचती है.

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