Rice Export: दो साल में सबसे सस्ता हुआ भारतीय चावल, जानिए गिरावट के पीछे की दो बड़ी वजहें

भारत में इस साल भी अच्छे मॉनसून की उम्मीद की जा रही है. अगर बारिश इसी तरह बनी रही, तो लगातार दूसरे साल चावल की बंपर पैदावार होने की संभावना है.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 6 Jun, 2025 | 11:49 AM

भारत में इस हफ्ते चावल की निर्यात कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जो पिछले दो सालों में सबसे निचला स्तर है. इस गिरावट के पीछे दो प्रमुख कारण माने जा रहे हैं, एक तो लगातार अच्छी बारिश की उम्मीद और दूसरा, रुपये की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी. इसका सीधा असर चावल की वैश्विक कीमतों पर भी दिख रहा है, खासकर एशियाई बाजारों में.

फिर से बंपर फसल की उम्मीद

भारत में इस साल भी अच्छे मॉनसून की उम्मीद की जा रही है. अगर बारिश इसी तरह बनी रही, तो लगातार दूसरे साल चावल की बंपर पैदावार होने की संभावना है. एक अनाज व्यापारी के अनुसार, “अगर मौसम साथ देता है तो इस साल भी चावल का भंडार और भर जाएगा. इसीलिए व्यापारी पहले से ही कीमतें घटा रहे हैं.”

इस हफ्ते भारत का 5 फीसदी टूटे हुए चावल (पारबॉइल्ड किस्म) $380 से $386 प्रति टन पर बिक रहा है, जो पिछले हफ्ते $382-$389 था. सफेद चावल की कीमत भी $373-$378 प्रति टन तक गिर गई है.

न्यूनतम समर्थन मूल्य में की मामूली बढ़ोतरी

सरकार ने पिछले महीने किसानों से खरीदे जाने वाले चावल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में केवल 3 फीसदी की बढ़ोतरी की, जो पिछले 5 सालों में सबसे कम है. इसका कारण भी चावल का पहले से भरा भंडार बताया जा रहा है. गोदामों में चावल की अधिकता सरकार के लिए भी चुनौती बनती जा रही है.

थाईलैंड और वियतनाम में भी सुस्त मांग

इस बीच, थाईलैंड में भी चावल की मांग कमजोर बनी हुई है. वहां का 5 फीसदी टूटे हुए चावल अभी $410 प्रति टन पर स्थिर है, लेकिन खरीददारों की कमी बनी हुई है. इसी तरह वियतनाम में भी हालात कुछ अलग नहीं हैं. हाल ही में फिलीपींस जैसे बड़े खरीदारों ने वियतनाम से चावल की खरीद में कटौती कर दी है. वियतनाम अब जापान और यूरोप जैसे प्रीमियम बाजारों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले चावल पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

फिलीपींस अब अन्य देशों से चावल खरीदने की तैयारी में

फिलीपींस, जो आमतौर पर वियतनाम से चावल खरीदता है, अब अपने आयात स्रोतों को विविध करने की योजना बना रहा है. इसका असर भारत, थाईलैंड और वियतनाम तीनों देशों की निर्यात रणनीति पर पड़ सकता है. इससे प्रतिस्पर्धा और भी बढ़ेगी और कीमतें और नीचे जा सकती हैं.

निर्यात में बढ़ोतरी लेकिन चिंता भी

वियतनाम ने मई में करीब 1.1 मिलियन टन चावल का निर्यात किया, जिससे जनवरी से मई तक की कुल निर्यात मात्रा 4.5 मिलियन टन पहुंच गई है. आंकड़े भले ही उत्साहजनक लगें, लेकिन बाजार की कमजोर मांग और कीमतों में गिरावट ने व्यापारियों की चिंता बढ़ा दी है.

Get Latest   Farming Tips ,  Crop Updates ,  Government Schemes ,  Agri News ,  Market Rates ,  Weather Alerts ,  Equipment Reviews and  Organic Farming News  only on KisanIndia.in

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.

Side Banner

भारत में सबसे पहले सेब का उत्पादन किस राज्य में शुरू हुआ.