अगर आप खेती से अच्छी कमाई करना चाहते हैं तो लाल अंगूर की खेती आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती है. इसे अक्सर “लाल सोना” कहा जाता है क्योंकि इसकी मांग बाजार में बहुत अधिक है और यह किसानों को लंबे समय तक लाभ देती है. एक बार लाल अंगूर के पौधे लगाने के बाद लगभग 10-15 साल तक उत्पादन मिलता रहता है, जिससे लगातार आमदनी का स्रोत बन जाता है. आइए जानते हैं लाल अंगूर की खेती कैसे की जाए और इसके लिए किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है.
लाल अंगूर की खेती कैसे करें-
मिट्टी और क्षेत्र का चयन
लाल अंगूर की खेती के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. ऐसी मिट्टी में पानी का निकास (जल निकासी) सही ढंग से होता है और पौधों की जड़ें अच्छे से फैलती हैं. इससे पौधों को सूखा या जड़ सड़ने जैसी समस्या नहीं होती. खेत का चयन करते समय यह ध्यान रखें कि वहां वर्षा या सिंचाई का पानी जमा न हो.
खेत की तैयारी
खेत की जुताई अच्छी तरह करनी चाहिए ताकि मिट्टी में हवादारी बनी रहे. मिट्टी में गोबर की खाद या कंपोस्ट मिलाने से पौधों की वृद्धि तेज होती है और फल की गुणवत्ता बेहतर आती है. पंक्तियों के बीच 2-3 मीटर की दूरी रखना जरूरी है ताकि पौधों को पर्याप्त जगह मिले और वे आसानी से फैल सकें.
पौधों की रोपाई और देखभाल
लाल अंगूर की खेती में पौधों को सावधानी से लगाया जाता है. रोपाई के बाद शुरुआती 6-12 महीनों में पौधों की सुरक्षा और सिंचाई पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. खरपतवार और रोग-कीट नियंत्रण के लिए नियमित निगरानी करनी चाहिए.
सिंचाई और पोषण
सिंचाई का सही समय और मात्रा फसल की सफलता के लिए जरूरी है. गर्मी में पौधों को नियमित रूप से पानी देना चाहिए लेकिन जलभराव नहीं होने देना चाहिए. साथ ही, आवश्यकतानुसार नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैश जैसे पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा डालना फायदेमंद होता है.
फल आने का समय और पैदावार
लाल अंगूर के पौधे बुवाई या रोपाई के 2-4 साल में फल देना शुरू करते हैं. पहले कुछ वर्षों में पौधों को अच्छे से विकसित होने दें. एक बार पौधे पूरी तरह विकसित हो जाएं, तो हर साल उच्च गुणवत्ता के फल और किशमिश दोनों प्राप्त किए जा सकते हैं.
मार्केटिंग और बिक्री
लाल अंगूर को फ्रेश बेचना हो या सुखाकर किशमिश के रूप में, दोनों तरीकों से लाभ कमाया जा सकता है. बाजार में इसकी मांग हमेशा उच्च रहती है, जिससे किसान अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं.
कमाई कितनी हो सकती है
लाल अंगूर की खेती से अच्छी आमदनी होती है. एक एकड़ में लगभग 10 टन उत्पादन संभव है. यदि बाजार में इसका मूल्य 120-140 रुपये प्रति किलो माना जाए तो एक एकड़ से 12 से 14 लाख रुपये तक की आमदनी संभव है. इसके अलावा, अंगूर को सुखाकर किशमिश के रूप में भी बेचा जा सकता है, जो अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है.