अमेरिका का टैरिफ बिगाड़ेगा बासमती का खेल! ग्लोबल मार्केट में पाकिस्तानी चावल की बढ़ेगी मांग
साल 2023-24 में भारत ने 52.4 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल निर्यात किया, जबकि पाकिस्तान ने सिर्फ 5.45 लाख मीट्रिक टन. 2024-25 में भारत का निर्यात बढ़कर 60.7 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ ने भारतीय बासमती चावल के निर्यातकों को बड़ा झटका दिया है. इससे पाकिस्तान को 6 फीसदी टैरिफ की बढ़त मिल गई है, जबकि भारत और ब्रिटेन के बीच चल रही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) वार्ताओं में भी बासमती को कोई राहत नहीं मिली है. फिलहाल अमेरिका में पाकिस्तानी बासमती पर 19 फीसदी टैरिफ है, जबकि भारतीय बासमती पर 25 फीसदी है.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अमर सिंह चावला वाला कंपनी के सीईओ तेजिंदर सिंह ने कहा है कि पाकिस्तान को 6 फीसदी की बढ़त मिल चुकी है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में हमारे लिए मुकाबला करना मुश्किल हो जाएगा. इससे ग्लोबल स्तर पर बराबरी का मौका खत्म हो जाता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान से होने वाले कुल बासमती निर्यात का केवल 10 फीसदी ही खरीदता है. लेकिन 6 फीसदी का अंतर कमोडिटी व्यापार में बहुत मायने रखता है और इससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय बासमती की कीमतें बढ़ सकती हैं. क्योंकि भारतीय निर्यातक अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए संघर्ष करेंगे.
52.4 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल का निर्यात
अब तक भारतीय बासमती का व्यापार तेजी पर था, लेकिन यह नया टैरिफ अंतर इसकी प्रतिस्पर्धा पर असर डाल सकता है. साल 2023-24 में भारत ने 52.4 लाख मीट्रिक टन बासमती चावल निर्यात किया, जबकि पाकिस्तान ने सिर्फ 5.45 लाख मीट्रिक टन. 2024-25 में भारत का निर्यात बढ़कर 60.7 लाख मीट्रिक टन पहुंच गया, जबकि पाकिस्तान का निर्यात मामूली रूप से ही बढ़ा. लेकिन अब अमेरिका द्वारा लगाए गए 25 फीसदी टैरिफ को इस बढ़त के लिए एक ‘स्पीडब्रेकर’ माना जा रहा है.
देश अब पाकिस्तानी बासमती को प्राथमिकता दे सकते हैं
पंजाब राइस मिलर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंदरपाल सिंह ने कहा कि इस टैरिफ का असर पूरे सप्लाई चेन पर पड़ेगा. खास कर किसानों से लेकर उपभोक्ताओं तक. उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान से सीधे प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और अब उनके पास कम टैरिफ की वजह से सस्ते दामों पर आपूर्ति करने का मौका होगा. उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका और अन्य उपभोक्ता देश अब पाकिस्तानी बासमती को प्राथमिकता दे सकते हैं, जबकि थाईलैंड दूसरी पसंद बन सकता है. उन्होंने कहा कि अगर हमारी बिक्री घटी, तो हमें किसानों से खरीद कम करनी पड़ेगी और इसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा.
25 फीसदी टैरिफ गहरा असर डालेगा
सिंह ने सुझाव दिया कि भारत सरकार को अमेरिकी प्रशासन से अपील करनी चाहिए कि वह बासमती चावल पर लगाया गया टैरिफ कम करे, या कम से कम पाकिस्तान के बराबर एक समान मौका (लेवल प्लेइंग फील्ड) दे, ताकि भारतीय निर्यातक अंतरराष्ट्रीय बाजार में उचित प्रतिस्पर्धा कर सकें. तरनजीत ने कहा कि भारतीय बासमती निर्यातक पहले ही भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में राहत नहीं मिलने से परेशान हैं, और अब अमेरिका का 25 फीसदी टैरिफ इस व्यापार पर और भी गहरा असर डालेगा.