गन्ना से जेट फ्यूल की संभावनाओं को लेकर ISMA की बड़ी साझेदारी, गन्ना किसानों को फायदा होगा

गन्ना से टिकाऊ विमानन ईंधन की संभावनाओं को लेकर क्षमता निर्माण के लिए ISMA और RSB साझेदारी की है और प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों के लिए करार किए हैं.

रिजवान नूर खान
नोएडा | Published: 1 Sep, 2025 | 03:47 PM

देश में टिकाऊ जेट फ्यूल यानी विमानन ईंधन (SAF) के विस्तार की दिशा में अहम कदम बढ़ाते हुए भारतीय चीनी एवं जैव ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित अन्य राज्यों में क्षमता निर्माण के लिए टिकाऊ जैव सामग्री (RSB) पर गोलमेज सम्मेलन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे गन्ना किसानों को लाभ पहुंचेगा और जेट फ्यूल क्षमता निर्माण को विकसित किया जाएगा.

भारतीय चीनी एवं जैव ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) के अनुसार इस समझौते के जरिए RSB ICAO CORSIA सर्टिफिकेशन को लागू किया जा सकेगा. स्टेकहोल्डर्स को विमानन ईंधन के उत्पादन के लिए जरूरी नॉलेज और उपकरणों से लैस किया जाएगा. सप्लाई चेन को प्रभावी रूप से ट्रैक किया जाएगा और यह ICAO (अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन) CORSIA (अंतर्राष्ट्रीय विमानन के लिए कार्बन ऑफसेटिंग और न्यूनीकरण योजना) कार्यक्रम के तहत योग्य होगा.

सस्टेनेबल बायो मटेरियल्स (RSB) की अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन अंतर्राष्ट्रीय विमानन के लिए कार्बन ऑफसेटिंग और न्यूनीकरण योजना एक मज़बूत साइंस बेस्ड सिस्टम उपलब्ध कराती है, जो विमानन ईंधन उद्योग के संगठनों को ट्रेसिबिलिटी जरूरतों के अनुपालन को विश्वसनीय रूप से प्रदर्शित करने में सक्षम बनाती है. इसके साथ ही यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी लाता है और विमानन के वैश्विक डीकार्बोनाइज़ेशन में योगदान देता है.

छोटे गन्ना किसानों पर होगा फोकस

सस्टेनेबल बायो मटेरियल्स (RSB) और उपकरण प्रदान करेगा जो भारत में किसानों, चीनी मिल मजदूरों और छोटे स्तर के उद्यमों की क्षमता निर्माण में सहायक होंगे. यह परियोजना भारत भर में गन्ना सप्लाई चेन के बीच बायो इकनॉमी, विमानन ईंधन और सस्टेनेबिलिटी सर्टिफिकेशन के बारे में नॉलेज बढ़ाएगी खासकर छोटे किसानों पर फोकस करते हुए.

चीनी आधारित बायो एनर्जी सेक्टर में तेजी आएगी

इस परियोजना के तहत क्षमता निर्माण गतिविधियों के जरिए ISMA और RSB का उद्देश्य जमीनी स्तर पर मजबूत नेतृत्व विकसित करना है. इसके साथ ही भारत के चीनी आधारित जैव ऊर्जा क्षेत्र को गति देना है और राष्ट्रीय एवं वैश्विक स्तर पर विमानन को कार्बन मुक्त बनाने के राष्ट्रीय प्रयासों को सपोर्ट करना है. RSB मानकों के जरिए से खेत और मिल स्तर पर स्थिरता के लिए प्रतिबद्धता जताकर ISMA का टारगेट यह पक्का करना है कि भारत का विमानन ऊर्जा परिवर्तन न केवल तकनीकी रूप से उन्नत हो बल्कि सामाजिक रूप से न्यायसंगत और पर्यावरणीय रूप से विश्वसनीय भी हो.

विमानन ईंधन क्षमता निर्माण आंदोलन का नेतृत्व करने पर गर्व है – दीपक बल्लानी

ISMA के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि हमें भारत के विमानन ईंधन क्षमता निर्माण आंदोलन का नेतृत्व करने पर गर्व है. RSB के साथ यह साझेदारी ISMA को हमारे चीनी क्षेत्र में निहित एक लचीली, समावेशी और वैश्विक रूप से संरेखित विमानन ईंधन वैल्यू चेन को आकार देने में अग्रणी बनाती है.

कार्यक्रम निदेशक एरियाना बाल्डो ने कहा कि भारत वैश्विक टिकाऊ विमानन ईंधन सिनेरियो में अहम भूमिका निभाता है, जिसमें प्रचुर मात्रा में फीडस्टॉक क्षमता और मजबूत नीतिगत गति है. इस साझेदारी के जरिए हमारा टारगेट गन्ना उत्पादकों को टिकाऊ विमानन ईंधन अर्थव्यवस्था की स्थिरता संबंधी मांगों को पूरा करने के लिए उपकरण और नॉलेज से लैस करना है. यह पक्का करते हुए कि फीडस्टॉक और ईंधन उत्पादन दोनों RSB के विश्व स्तर पर विश्वसनीय स्थिरता मानकों के अनुरूप हों.

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