क्या होती है DSR विधि.. इससे कैसे करें धान की खेती, जानिए सबकुछ

डीएसआर विधि से धान की खेती करने से पानी की खपत घट जाती है. इससे कम सिंचाई सुविधा वाले इलाकों के किसानों को आसानी होती है. जबकि, लागत भी कम आती है.

Kisan India
नोएडा | Published: 16 May, 2025 | 11:26 PM

खेती किसानी के दौर में अब परंपरागत तरीकों से हटकर नए-नए तकनीकों का इस्तेमाल खेती को और भी आसान बना रहीं हैं. ऐसा ही एक तरीका डीएसआर विधि भी है. यानी डायरेक्ट सीडिंग ऑफ राइस (Direct Seeding of Rice). इसमें धान की पारंपरिक रोपाई की जगह बीज को सीधे खेत में बोया जाता है. यह विधि कम मेहनत, लागत और पानी की बचत करती है. बड़ी संख्या में हरियाणा, पंजाब के किसान इस विधि से धान की बुवाई करते हैं. देश के बाकी इलाकों में भी यह विधि लोकप्रिय हो रही है.

डीएसआर विधि क्या है?

डीएसआर विधि में धान के बीजों को सीधे खेत में बीज जाता हैं, जैसे गेहूं या चना को बोते हैं. इसमें पारंपरिक तरीके की तरह पहले पौध तैयार करके फिर रोपाई करने की जरूरत नहीं होती. यह तकनीक मुख्य रूप से उन इलाकों में अपनाई जा रही है, जहां सिंचाई का पानी सीमित मात्रा में मौजूद हो है. जैसे कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़.

धान बुवाई का तरीका

खेती करने के लिए सबसे पहले खेत को अच्छी तरह जोतकर समतल बना लें और उसमें हल्की नमी रखें. फिर अच्छे किस्म के धान के बीजों को सीधे खेत में बो दें, जैसे गेहूं या चना बोते हैं. इस विधि में इसमें प्रति हेक्टयर करीब 40 से 50 किलोग्राम धान लग सकता है.

वहीं किसान सीड्रिल के माध्यम से जून के अंत और जुलाई के पहले सप्ताह में इसकी सीधी बुआई कर सकते हैं. ध्यान रहे बीजों को करीब 25 सेंटीमीटर की रखें दूरी पर 2-3 सेंटीमीटर गहराई में बोएं. हल्की सिंचाई के साथ खरपतवार को रोकने के लिए समय-समय पर निराई करें. इस विधि में नर्सरी, रोपाई और अधिक पानी की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे समय, मेहनत और लागत तीनों की बचत होती हैं.

किसानों और खेती को फायदे

परंपरागत रोपाई की तुलना में डीएसआर से 30-40 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है. इसमें पौध तैयार करने, उखाड़ने और रोपने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे मजदूरी पर खर्च कम होता है. सीधी बुआई से धान जल्दी पकता है, जिससे अगली फसल के लिए समय मिल जाता है. बार-बार सिंचाई और कीचड़ बनाने की जरूरत नहीं होने से मिट्टी की संरचना खराब नहीं होती. डीएसआर के लिए आधुनिक सीड ड्रिल और हैरवेस्टर का उपयोग किया जा सकता है.

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