अगर आप किसान हैं और खेती से जुड़े हर जरूरी खर्च को समय पर पूरा करना चाहते हैं तो किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) आपके लिए बहुत जरूरी है. यह कार्ड किसानों को कम ब्याज दर पर बैंक से सीधे फसली ऋण उपलब्ध कराता है. इसका मकसद किसानों को साहूकारों या निजी उधारदाताओं से बचाना और समय पर आर्थिक मदद देना है.
यह सुविधा व्यवसायिक बैंक, ग्रामीण बैंक और सहकारी बैंक के माध्यम से दी जाती है. किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को खेती के हर चरण में जरूरत के मुताबिक पैसा मिल पाता है, जिससे वे समय पर बुआई, सिंचाई, उर्वरक और कीटनाशक जैसी चीजें खरीद सकते हैं.
किसान क्रेडिट कार्ड के बड़े फायदे
- फसली ऋण की पूर्ति- किसानों को अल्प अवधि के लिए फसल उगाने हेतु लोन मिलता है, जिससे बुआई और सिंचाई जैसे काम आसान हो जाते हैं.
- कटाई के बाद खर्च- जब फसल तैयार हो जाती है, तब मंडी तक ले जाने, भंडारण या मजदूरी जैसे खर्चों के लिए भी इससे मदद मिलती है.
- ऋण की कर्ज चुकाने में मदद- यदि किसान ने पहले किसी से कर्ज ले रखा है, तो KCC से उसे चुकाने में भी सहूलियत मिलती है.
- घर की जरूरतें- खेत में नुकसान या सूखे जैसे हालात में किसान इस कार्ड के जरिए अपने परिवार की बुनियादी जरूरतें भी पूरी कर सकता है.
- उपकरणों की मरम्मत- ट्रैक्टर, पंप सेट, हल जैसी कृषि मशीनों की मरम्मत के लिए भी किसान इसका उपयोग कर सकते हैं.
- फसल बीमा का लाभ- KCC से जुड़ी फसल पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित बीमा का भी लाभ मिलता है.
- दुर्घटना बीमा- कार्ड धारक किसान को कृषक दुर्घटना बीमा योजना का भी कवर मिलता है.
- ब्याज में छूट- जो किसान समय से लोन चुकाते हैं, उन्हें राज्य और केंद्र सरकार की ओर से ब्याज दर में 3 फीसदी तक की छूट मिलती है.
कैसे बनवाएं किसान क्रेडिट कार्ड
किसान नजदीकी बैंक शाखा में जाकर KCC के लिए आवेदन कर सकता है. साथ में जमीन के दस्तावेज, आधार कार्ड और पासबुक जैसे जरूरी कागज लगते हैं. वहीं, अब कई जगहों पर यह सुविधा ऑनलाइन भी उपलब्ध है. सरकार का कहना है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को KCC से जोड़ना उनकी प्राथमिकता है, ताकि खेती को आर्थिक रूप से सुरक्षित और टिकाऊ बनाया जा सके.