देश में और बढ़ेगी हाथियों की संख्या, सरकार लाई नया प्लान

दराअसल मध्यप्रदेश सरकार ने हाथियों की संख्या बढ़ाने के लिए हाथी मित्र दल के गठन की मंजूरी दी है. सरकार की सोच है कि इस योजना से मानव-हाथी द्वंद को कम करने की.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 14 May, 2025 | 06:54 PM

मध्य प्रदेश की सरकार ने हाथियों की सुरक्षा और इंसानों के साथ टकराव को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मानव-हाथी द्वंद को कम करने और जंगली हाथियों के बेहतर प्रबंधन के लिए बड़ा फैसला लिया गया. इस योजना पर कुल 47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे. यह प्लान ना सिर्फ हाथियों की संख्या बढ़ाने की दिशा में एक अहम पहल है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में शांति और सुरक्षा की भी गारंटी बनेगा. इस योजना के तहत वन विभाग के कर्मचारियों और दूसरे अधिकारियों के साथ- साथ गाववालों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी.

2027 तक के लिए योजना

यह पूरी योजना चार सालों के लिए बनाई गई है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 से लेकर 2026-27 तक लागू रहेगी. इसका नाम रखा गया है योजना क्रमांक 9854. पहले से ही इस योजना के तहत 2023-24 और 2024-25 में करीब 1 करोड़ 52 लाख 54 हजाररुपये खर्च किए जा चुके हैं. अब अगले दो वर्षों के लिए बड़ी धनराशि का प्रावधान किया गया है. साल 2025-26 के लिए 20 करोड़ रुपये और 2026-27 के लिए 25 करोड़ 59 लाख रुपये तय किए गए हैं.

हाईटेक निगरानी सिस्टम लगेगा

सरकार ने योजना के तहत जंगली हाथियों पर नजर रखने के लिए कंट्रोल रूम और ई-आई सर्विलेंस सिस्टम लगाने का फैसला किया है. इसके साथ ही ‘हाथी मित्र दल’ भी बनाया जाएगा, जो फील्ड में हाथियों की सुरक्षा और मॉनिटरिंग का काम करेगा. हाथियों के रेस्क्यू और पुनर्वास के लिए भी अलग से इंतजाम किए जाएंगे.रेडियो कॉलर से हाथियों की लोकेशन ट्रैक होगी और पेट्रोलिंग वाहनों के जरिए टीम मौके पर तेजी से पहुंच सकेगी.

गांव वालों को भी मिलेगी ट्रेनिंग

सरकार सिर्फ संरक्षित इलाकों में ही नहीं, बल्कि उन गांवों में भी काम करेगी जहां हाथियों का असर होता है. गांववालों, वन विभाग के कर्मचारियों और दूसरे अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि अगर कभी हाथी गांव की तरफ आ जाए तो सही ढंग से हालात संभाले जा सकें. इसके लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम बनाई जाएगी, सोलर फेंसिंग की जाएगी और ‘हाथी मित्र दल’ भी गठित किया जाएगा जो हाथियों की निगरानी में मदद करेगा.

सरकार का कहना है कि यह योजना सिर्फ हाथियों को बचाने की नहीं है, बल्कि इंसानों की जान-माल की हिफाजत भी इसकी प्राथमिकता में है. अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक चला तो आने वाले वर्षों में न सिर्फ हाथियों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि इंसान और वन्यजीवों के बीच की दूरी भी कम होगी.

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Published: 14 May, 2025 | 05:08 PM

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