डीजल की जगह सौर ऊर्जा से सिंचाई, किसानों को राहत देने आई पीएम-कुसुम योजना

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के कम्पोनेंट-B के तहत, जिन किसानों के पास सिंचाई के लिए विद्युत कनेक्शन नहीं है, उन्हें सोलर पंप संयंत्र पर 60 फीसदी अनुदान मिल रहा है.

धीरज पांडेय
नोएडा | Updated On: 26 Apr, 2025 | 04:20 PM

राजस्थान में किसानों को डीजल से मुक्ति दिलाने और सिंचाई के लिए स्थायी समाधान उपलब्ध कराने के लिए पीएम-कुसुम योजना का कम्पोनेंट-B के तहत स्टैंड-अलोन सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं. इस योजना का मकसद है उन किसानों तक सौर ऊर्जा का लाभ पहुंचाना, जिनके पास कृषि विद्युत कनेक्शन नहीं है और जो अब भी डीजल या अन्य विकल्पों पर निर्भर हैं. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर किसानों को अनुदान पर सोलर पंप उपलब्ध करवा रही हैं, जिससे सिंचाई सस्ती, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल हो सके.

योजना का उद्देश्य

योजना का मकसद उन किसानों को सौर ऊर्जा से जोड़ना है, जिनके पास बिजली से चलने वाला कृषि कनेक्शन नहीं है और जो अब भी डीजल इंजन या अन्य वैकल्पिक साधनों से सिंचाई कर रहे हैं. सरकार चाहती है कि डीजल पंप का उपयोग खत्म हो और सिंचाई की व्यवस्था पर्यावरण अनुकूल बने.

सरकार की तरफ से 60 फीसदी का अनुदान

योजना के तहत सोलर पंप की कुल लागत का 60 फीसदी हिस्सा अनुदान के रूप में दिया जा रहा है. इसमें केंद्र और राज्य सरकार दोनों का 30-30 प्रतिशत योगदान है. किसानों को केवल 40 फीसदी लागत वहन करनी होगी, जिसमें से 30 फीसदी तक की राशि बैंक से लोन के रूप में मिल सकती है. वहीं SC/ST वर्ग के किसानों के लिए अलग से 45,000रुपये प्रति यूनिट की अतिरिक्त सहायता भी दी जा रही है.

7.5 HP तक के संयंत्रों पर मिलेगा अनुदान

योजना में 3 हॉर्सपावर (HP), 5 HP, 7.5 HP और 10 HP तक के सौर पंप लगाए जा सकते हैं, लेकिन अनुदान का लाभ केवल 7.5 HP तक के संयंत्रों पर मिलेगा. छोटे और मध्यम जोत वाले किसान इस योजना का बड़ा लाभ उठा सकते हैं.

कौन-कौन ले सकता है लाभ?

पात्रता की बात करें तो योजना का लाभ वही किसान उठा सकते हैं जिनके पास कृषि विद्युत कनेक्शन नहीं है और जो डीजल आधारित सिंचाई पर निर्भर हैं. इसके अलावा किसान के पास न्यूनतम 0.4 हेक्टेयर जमीन और सिंचाई के लिए जल संग्रहण ढांचा हो, जैसे डिग्गी, फार्म पॉन्ड या जल हौज बना होना चाहिए. साथ ही, किसानों के लिए ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर या स्प्रिंकलर सिस्टम का उपयोग अनिवार्य किया गया है. उच्च उद्यानिकी तकनीक जैसे ग्रीन हाउस, शेडनेट हाउस या लो टनल्स अपनाने वाले किसान भी इस योजना के पात्र हैं.

आवेदन की प्रक्रिया

आवेदन की प्रक्रिया भी सरल रखी गई है. किसान अपने मोबाइल से या नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर ‘राज किसान साथी’ पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करते समय जन आधार या भामाशाह कार्ड, भूमि की जमाबंदी या पासबुक की प्रति और सिंचाई जल स्रोत का स्व-प्रमाणित प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है.

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Published: 26 Apr, 2025 | 04:06 PM

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