जीरा का दाम 38 फीसदी गिरा, क्या खुले बाजार में भी सस्ता होगा मसाला?

मंडियों में जीरा की आवक शुरू होते ही कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जीरा की मंडी कीमतों में 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई है.

अनामिका अस्थाना
नोएडा | Updated On: 13 May, 2025 | 03:56 PM

मंडियों में जीरा की आवक शुरू होते ही कीमतों में गिरावट दर्ज की जा रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जीरा की मंडी कीमतों में करीब 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई है. बीते 10 दिनों के दौरान भाव में गिरावट आई है. कीमतों में अभी और गिरावट की संभावना जताई जा रही है. जानकारों का कहना है कि खुले बाजार में उपभोक्ता जीरा का दाम सस्ता होने की उम्मीद कर सकते हैं.

पिछले कई दिनों से जीरे की बढ़ती कीमतों ने उपभोक्ताओं की रसोई का बजट बिगाड़ दिया था. लेकिन अब सरकारी आंकड़ों के अनुसार जीरा की मंडी कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है. जिसके कारण उपभोक्ताओं ने भी चैन की सांस ली है. ऐसे में अब उपभोक्ताओं को जीरा के साथ-साथ अन्य गरम मसालों की कीमतों में भी गिरावट की उम्मीद है.

मंडी कीमतों में 38 फीसदी गिरावट

मंडी में जीरा की कीमतों में भारी गिरावट आई है. सरकार ने आंकड़ा जारी किया है जिसमें 1 मई से लेकर 13 मई तक जारी की कीमतों का मंजी रेट दिया गया है. आंकड़े के अनुसार गुजरात की अमरेली मंडी में 1 मई को जीरा का मंडी रेट 17 हजार 500 था वहीं 9 मई को जीरा का मंडी रेट 10 हजार 750 रुपये दर्ज की गई थी. इस आंकड़े के अनुसार जारी की कीमतों में सीधे-सीधे 6 हजार 750 रुपये की गिरावट आई है. यानी जीरा की मंडी कीमतों में 38 फीसदी की गिरावट आई है.

Spice Price

Jeera Mandi Rate drops by 38 percent

जीरा के रेट में गिरावट क्यों

जीरा के मंडी रेट में भारी गिरावट आने का कारण है बाजार में जीरे की आवक. आमतौर पर मई के आखिर और जून के शुरुआती दिनों में जीरे की बंपर आवक होती है . जिसके कारण जीरा की कीमतों में भारी गिरावट आती है. जीरे के बंपर उत्पादन के कारण मंडी में जीरा जरूरत से ज्यादा मात्रा में उपलब्ध है. ऐसे में जीरा की खेती करने वाले किसानों को कम कीमतों में ही जीरा मंडी में बेचना पड़ रहा है.

गुजरात और राजस्थान में 80 फीसदी खेती

बता दें कि भारत में जीरा की सबसे ज्यादा खेती गुजरात और राजस्थान में होती है. जानकारी के अनुसार जीरा के कुल उपज का लगभग 56 फीसदी गुजरात और करीब 44 फीसदी उपज राजस्थान में होती है. राजस्थान में बाड़मेर, जालोर और जोधपुर जैसे जिले जीरे के उत्पादन के लिए लोकप्रिय हैं. वहीं गुजरात की ऊझा मंडी दुनिया में जीरा की सबसे बड़ी मंडी मानी जाती है. अब सवाल ये भी उठता है कि जीरा की कीमतें गिरने के बाद क्या अन्य मसालों की कीमतों में भी गिरावट आएगी.

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Published: 13 May, 2025 | 02:09 PM

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