किसानों की सबसे बड़ी चिंता फसल की बर्बादी होती है. कभी बारिश ज्यादा तो कभी सूखा. ऐसे में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आई है. लेकिन कई किसान अभी भी यह नहीं समझ पाते कि इस योजना में उन्हें कितना प्रीमियम भरना है और ये प्रीमियम कैसे तय होता है. चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि रबी, खरीफ या बागवानी फसल की किस मौसम और किस फसल के हिसाब से प्रीमियम कैसे तय होता है और कैसे इसे खुद ऑनलाइन कैलकुलेट किया जा सकता है.
फसल और मौसम पर आधारित प्रीमियम
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को अलग-अलग मौसमों में अलग-अलग दर पर प्रीमियम देना होता है. खरीफ सीजन में किसानों को बीमित राशि का 2 फीसदी प्रीमियम देना होता है, जबकि रबी सीजन में यह घटकर 1.5 फीसदी हो जाता है. इसके अलावा बागवानी या कमर्शियल फसलों के लिए 5 फीसदी तक का प्रीमियम निर्धारित किया गया है. यह दरें केंद्र और राज्य सरकार की सब्सिडी के बाद तय की जाती हैं, जिससे किसानों पर कम बोझ पड़े.
जमीन के रकबे के अनुसार कुल प्रीमियम
प्रीमियम की गणना केवल मौसम और फसल से ही नहीं, बल्कि आपके पास कितनी ज़मीन है, इस पर भी निर्भर करती है. यदि आपने 1 हेक्टेयर में धान की बुआई की है और वह खरीफ सीजन की फसल है तो उसका प्रीमियम अलग होगा. इसी तरह 2 हेक्टेयर में गेहूं बोया है तो रबी सीजन के हिसाब से उसका प्रीमियम अलग आएगा. जितना ज्यादा रकबा, उतना ज्यादा कुल प्रीमियम. लेकिन याद रहे, प्रति हेक्टेयर दर तय है.
ऑनलाइन कैलकुलेटर से करें गणना
PMFBY का प्रीमियम जानना अब बेहद आसान हो गया है. किसान https://pmfby.gov.in पोर्टल पर जाकर ‘प्रेमियम कैलकुलेटर’ ऑप्शन पर क्लिक करें. यहां आपको राज्य, जिला, ब्लॉक, फसल का नाम, मौसम और रकबा यानी हेक्टेयर में जमीन का आंकड़ा भरना होता है. इसके बाद सिस्टम अपने आप बताएगा कि आपको कितने रुपये का प्रीमियम भरना है और बीमा कितना मिलेगा.
- आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज रखें तैयार
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार कार्ड/पैन कार्ड/वोटर आईडी
- बैंक पासबुक
- जमीन से जुड़े कागजात (7/12, खतौनी आदि)
- फसल डिक्लरेशन (कौन सी फसल बोई है, कहां बोई है)
इन दस्तावेजों के साथ आप अपनी बीमा एप्लिकेशन जमा कर सकते हैं, चाहे वह कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) से हो या फिर सीधे पोर्टल पर.