स्वयं सहायता समूहों के जरिये 2 करोड़ से ज्यादा महिलाएं बनीं लखपति, अब क्या है आगे की तैयारी

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने ‘नई चेतना’ अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि यह पहल महिलाओं की सुरक्षा, समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देगी. उन्होंने लखपति दीदियों की सफलता का उल्लेख किया और कहा कि हिंसा-मुक्त व नशा-मुक्त गांव बनाने, भेदभाव मिटाने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर सरकार का मुख्य फोकस है.

नोएडा | Updated On: 25 Nov, 2025 | 10:01 PM

Agriculture News: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ‘नई चेतना- पहल बदलाव की’ अभियान के चौथे संस्करण की शुरुआत की. इस मौके पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह राष्ट्रीय अभियान महिलाओं की सुरक्षा, समानता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए चलाया जा रहा है. शिवराज सिंह ने कहा कि बेटियों के प्रति भेदभाव की सोच को खत्म करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि आज देश की लाखों ‘लखपति दीदियां’ नई ऊंचाइयों को छू रही हैं. स्वयं सहायता समूहों के जरिये 2 करोड़ से ज्यादा महिलाएं लखपति बनी हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लक्ष्य है कि देश की कोई बहन गरीब न रहे, किसी की आंखों में आंसू न आए और हर महिला आत्मनिर्भर बने.

उन्होंने भरोसा जताया कि हर बहन के चेहरे पर मुस्कान लाना और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाना ही सरकार की प्राथमिकता है. शिवराज सिंह ने कहा कि बेटियों को गलत नजर से देखने वाली सोच को पूरी तरह बदलना होगा और यदि जरूरत पड़े तो ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई भी करनी होगी. उन्होंने कहा कि हिंसा-मुक्त गांव बनाने के लिए बड़े पैमाने पर जन अभियान  चलाया जाएगा, क्योंकि महिलाओं के खिलाफ हिंसा किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि ‘नारी तू नारायणी’ नारी का सम्मान किए बिना देश और समाज आगे नहीं बढ़ सकता.

गांव-गांव नशा-मुक्ति का संदेश फैलाएं

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि नशा हिंसा की एक बड़ी वजह है और यह कई सामाजिक बुराइयों की जड़ है. उन्होंने अपील की कि महिलाएं गांव-गांव नशा-मुक्ति का संदेश फैलाएं. नशे के खिलाफ लड़ाई सरकार के साथ-साथ समाज और खासकर महिलाओं की सामूहिक जिम्मेदारी  है और इसे एक बड़े अभियान की तरह चलाना होगा. इस अभियान का मकसद समुदाय के स्तर पर जागरूकता बढ़ाकर महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकना, उनकी सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करना है. साथ ही घर और समाज में उनके आर्थिक योगदान को पहचान देना और घरेलू कामों में बराबर जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है. इसके अलावा महिलाओं को अधिक सशक्त बनाना भी इसका मुख्य उद्देश्य है.

सुषमा स्वराज भवन में आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कहीं

दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री ने दिल्ली के सुषमा स्वराज भवन में आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कहीं. वहीं, कार्यक्रम के दौरान 11 मंत्रालयों और विभागों की ओर से एक संयुक्त Joint Advisory भी जारी की गई, जिसमें महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, गृह, पंचायती राज, कृषि, सामाजिक न्याय, खेल, स्वास्थ्य, MSME, सूचना एवं प्रसारण और न्याय विभाग शामिल थे. यह पहल ‘Whole of Government’ मॉडल को दर्शाती है, जिसमें सभी मंत्रालय मिलकर लैंगिक भेदभाव और हिंसा को खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं.

Published: 25 Nov, 2025 | 11:30 PM

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