चीनी और गुड़ पर सरकार का फैसला किसानों की बढ़ाएगा कमाई, 5 करोड़ गन्ना किसानों को होगा फायदा

Sugar Export: चीनी निर्यात और शीरे पर शुल्क हटाने के फैसले से देश के 5 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ होगा. क्योंकि, निर्यात खुलने से चीनी मिलों को पूरी क्षमता के साथ काम करने का प्रोत्साहन मिला है. इसके चलते किसानों का गन्ना ऊंचे दाम पर खरीदा जाएगा और भुगतान भी जल्दी होगा.

नोएडा | Updated On: 9 Nov, 2025 | 07:54 PM

Sugar Production: केंद्र सरकार के चीनी और गुड़ शीरा पर लिए गए ताजा फैसले ने 5 करोड़ गन्ना किसानों की कमाई बढ़ने और उनकी उपज अधिक दाम मिलने का रास्ता खोल दिया है. केंद्र ने चीनी निर्यात को मंजूरी दे दी है और गन्ने के शीरे वाले गुड़ पर लगने वाली एक्सपोर्ड ड्यूटी को भी हटाने का निर्णय लिया है. ISMA ने कहा कि देशभर में कुल 309.5 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है, जो बीते साल से 50 लाख टन अधिक होगा. ऐसे में सरकार के पास एथनॉल डायवर्जन और घरेलू खपत के बाद भी 20 लाख टन से अधिक चीनी का बफर स्टॉक बना रहेगा. ऐसे में सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए चीनी निर्यात पर लगी रोक हटा दी है.

केंद्र सरकार ने 2025-26 के लिए 15 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति दे दी है. खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि केंद्र ने अक्टूबर से शुरू होने वाले 2025-26 के चीनी सीजन के लिए 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है. उन्होंने 7 नवंबर को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे एक पत्र में कहा कि केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने शीरे पर 50 फीसदी निर्यात शुल्क हटाने का भी फैसला किया है.

बंपर चीनी उत्पादन अनुमानों के चलते दी गई निर्यात को मंजूरी

केंद्र सरकार से निर्यात आवंटन उद्योग की ओर से 17 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति मांगी गई थी. अब सरकार ने 15 लाख टन निर्यात की अनुमति दी है, ताकि बफर स्टॉक में चीनी पर्याप्त बनी रहे और घरेलू कीमतों को कंट्रोल में रखा जा सके. चीनी उद्योग के शीर्ष निकाय ISMA ने कहा कि देशभर में कुल 309.5 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है, जो बीते साल से 50 लाख टन अधिक होगा. ऐसे में सरकार के पास एथनॉल डायवर्जन और घरेलू खपत के बाद भी 20 लाख टन से अधिक चीनी का बफर स्टॉक बना रहेगा.

10 लाख टन के मुकाबल 8 लाख टन चीनी निर्यात हुआ

भारत ने सितंबर में समाप्त हुए 2024-25 के चीनी सीजन के दौरान 10 लाख टन के आवंटन के मुकाबले लगभग 8,00,000 टन चीनी का निर्यात किया है. खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने हाल ही में कहा कि सरकार सरप्लस स्टॉक जमा होने के चलते चीनी निर्यात की अनुमति देने पर विचार करने की बात कही थी. क्योंकि इथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी का उपयोग अपेक्षा से कम रहा है. क्योंकि, मक्का, चावल समेत अन्य अनाजों का भी एथेनॉल बनाने में इस्तेमाल किया जा रहा है.

एथेनॉल बनाने में 34 लाख टन चीनी खर्च

उन्होंने कहा कि चीनी मिलों ने 2024-25 में इथेनॉल निर्माण के लिए केवल 34 लाख टन टन चीनी का उपयोग किया, जो अनुमानित 45 लाख टन से काफी कम है. इसके साथ ही चालू चीनी सीजन 2025-26 में अनुमानित अधिक उत्पादन से भरपूर चीनी का स्टॉक बना रहेगा. संचीव चोपड़ा ने कहा कि 2025-26 के लिए चीनी उत्पादन 285 लाख टन सालाना घरेलू खपत के मुकाबले 309 लाख टन चीनी उत्पादन होने वाला है.

5 करोड़ गन्ना किसानों को मिलेंगे ऊंचे दाम

चीनी निर्यात और शीरे पर शुल्क हटाने के फैसले से देश के 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसानों को लाभ होगा. क्योंकि, निर्यात खुलने से चीनी मिलों को पूरी क्षमता के साथ काम करने का प्रोत्साहन मिला है. इसके चलते किसानों का गन्ना ऊंचे दाम पर खरीदा जाएगा. इसके साथ ही चीनी मिलों से भुगतान में भी जल्दी मिलेगा. वैसे भी 1 नवंबर से नया चीनी पेराई सीजन शुरू ही हुआ है. ऐसे में अभी देश की सभी चीनी मिलें पूरी क्षमता के साथ चालू भी नहीं हुई हैं और ताजा फैसले से पेराई धुआंधार होने वाली है.

Published: 9 Nov, 2025 | 09:46 PM

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