हरियाणा में फलों-सब्जियों की खेती करने वालों के लिए खुशखबरी, बीमा योजना की तारीख बढ़ी

एक छोटी सी राशि देकर आप अपनी पूरी फसल को सुरक्षित कर सकते हैं. इससे मुआवजा सीधे खाते में मिलेगा, किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं. ये योजना न सिर्फ नुकसान की भरपाई करती है, बल्कि किसानों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है.

नई दिल्ली | Published: 9 Jul, 2025 | 08:51 AM

हरियाणा के बागवानी किसानों के लिए खुशखबरी है. कभी ओलावृष्टि तो कभी बेमौसम बारिश, किसानों की सालभर की मेहनत एक झटके में तबाह हो जाती है. ऐसे में अब उन्हें एक और मौका मिला है अपनी बागवानी फसल को सुरक्षित करने का. हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (MBBY) के तहत पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 तक बढ़ा दी है, ताकि जो किसान पहले चूक गए थे, वो अब इस मौके का लाभ उठा सकें.

क्या है मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना?

यह योजना विशेष रूप से फलों, सब्जियों और मसालों की खेती करने वाले किसानों के लिए बनाई गई है. इसका उद्देश्य है प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, तेज गर्मी, बाढ़, तूफान, आग या पाले से होने वाले नुकसान की भरपाई करना.

इस योजना के तहत किसानों को एक बेहद कम प्रीमियम (केवल 2.5 फीसदी) देना होता है और बाकी प्रीमियम की राशि सरकार खुद वहन करती है. यदि फसल को नुकसान होता है, तो एक सरकारी टीम मूल्यांकन कर मुआवजा तय करती है, जिसे सीधे किसान के बैंक खाते में भेज दिया जाता है.

कौन-कौन सी फसलें शामिल हैं?

इस योजना में कुल 46 बागवानी फसलें शामिल की गई हैं –

सब्जियां (23 फसलें): भिंडी, बैंगन, लौकी, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, खीरा, तरबूज, कद्दू आदि

फल (21 फसलें): आम, अमरूद, किन्नू, नींबू, लीची, अनार, अंगूर, स्ट्रॉबेरी आदि

मसाले (2 फसलें): हल्दी और लहसुन

आवेदन की प्रक्रिया- कैसे करें पंजीकरण?

किसान बहुत ही आसान तरीके से इस योजना में अपना नाम जुड़वा सकते हैं. आइए समझते हैं चरणबद्ध तरीका:

  • ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं https://ekharid.haryana.gov.in पर जाएं.
  • ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ सेक्शन चुनें
  • पंजीकरण फॉर्म भरें
  • किसान का नाम
  • आधार संख्या
  • बैंक खाता विवरण
  • मोबाइल नंबर
  • फसल का विवरण और क्षेत्रफल
  • आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
  • जमीन की खतौनी या पट्टा
  • पहचान प्रमाण (जैसे आधार कार्ड)
  • बैंक पासबुक की कॉपी
  • प्रीमियम भुगतान करें (केवल 2.5 फीसदी)
  • सबमिट कर दें और रसीद प्रिंट करें

क्यों जरूरी है इस योजना से जुड़ना?

आज के समय में मौसम पर भरोसा करना मुश्किल हो गया है. कभी तेज धूप, कभी बेमौसम बारिश फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कारण बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में ये बीमा योजना किसानों को आर्थिक संकट से उबार सकती है. एक छोटी सी राशि देकर आप अपनी पूरी फसल को सुरक्षित कर सकते हैं. इससे मुआवजा सीधे खाते में मिलेगा, किसी बिचौलिए की जरूरत नहीं. ये योजना न सिर्फ नुकसान की भरपाई करती है, बल्कि किसानों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है.

अंतिम तारीख याद रखें- 31 जुलाई 2025

अगर आप भी बागवानी किसान हैं, और अब तक इस योजना से नहीं जुड़े हैं, तो देर मत कीजिए. 31 जुलाई से पहले आवेदन जरूर करें, ताकि आपकी फसल सुरक्षित रहे और आपको मौसम की मार का आर्थिक बोझ न उठाना पड़े.