अमेरिका ने भारत से भेजे गए आमों को किया रिजेक्ट, निर्यातकों को करोड़ों का नुकसान

इन शिपमेंट्स के निर्यातकों को दो विकल्प दिए गए थे या तो वे आमों को नष्ट करें या फिर इन शिपमेंट्स को भारत वापस भेजने का खर्च उठाएं. चूंकि आम बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं और इनका वापस भेजना महंगा था, निर्यातकों ने अमेरिकी भूमि पर ही इन आमों को नष्ट करने का निर्णय लिया.

Kisan India
नई दिल्ली | Updated On: 19 May, 2025 | 10:09 AM

भारत के आम निर्यातकों के लिए यह सीजन एक बुरी खबर लेकर आया है. अमेरिका के अधिकारियों ने दस्तावेजी त्रुटियों के कारण भारत से भेजे गए 15 शिपमेंट्स को रिजेक्ट कर दिया है, जिसके कारण निर्यातकों को करीब 4.2 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ है. भारत का सबसे बड़ा आम निर्यात बाजार होने के कारण, इस फैसले ने ना केवल निर्यातकों को, बल्कि भारतीय कृषि व्यापार को भी बड़ा धक्का पहुंचाया है. आइए जानते हैं इस घटना की पूरी जानकारी और इसके पीछे के कारण.

निर्यातकों को हुआ करोड़ों का नुकसान

अमेरिका ने भारत से भेजे गए कम से कम 15 आम शिपमेंट्स को अपनी प्रमुख एयरपोर्ट्स, जैसे लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को और अटलांटा में दस्तावेजों में गड़बड़ी के कारण अस्वीकार कर दिया. इन शिपमेंट्स के निर्यातकों को दो विकल्प दिए गए थे या तो वे आमों को नष्ट करें या फिर इन शिपमेंट्स को भारत वापस भेजने का खर्च उठाएं. चूंकि आम बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं और इनका वापस भेजना महंगा था, निर्यातकों ने अमेरिकी भूमि पर ही इन आमों को नष्ट करने का निर्णय लिया. इस फैसले के कारण अनुमानित नुकसान लगभग 5 लाख डॉलर (4.2 करोड़ रुपये) हुआ है.

दस्तावेजी कमियों के कारण हुआ नुकसान

इन शिपमेंट्स को लेकर अमेरिकी सीमा शुल्क और सुरक्षा (CBP) अधिकारियों ने दस्तावेजों में खामियां पाई, विशेष रूप से PPQ203 फॉर्म में, जो अमेरिकी आयात मानकों के तहत जरूरी होता है. USDA (अमेरिकी कृषि विभाग) ने इस मामले में एक निर्यातक को सूचित किया कि शिपमेंट को “गलत तरीके से जारी PPQ203” के कारण रिजेक्ट किया गया है और इसे या तो वापस भेजने या नष्ट करने के लिए कहा गया था.

क्या है रेडिएशन प्रक्रिया?

इन आमों को अमेरिका भेजे जाने से पहले 8 और 9 मई को मुंबई के नवी मुंबई स्थित USDA-स्वीकृत सुविधा में रेडिएशन प्रक्रिया से गुजारा गया था. इस प्रक्रिया में फलों को कीटों को मारने और उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए नियंत्रित मात्रा में रेडिएशन दिया जाता है. लेकिन, निर्यातकों का आरोप है कि यह गलती रेडिएशन सुविधा में हुई थी, जिसे महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड (MSAMB) संचालित करता है और जिस पर USDA अधिकारी की निगरानी थी. निर्यातकों का कहना है कि यह गलती उन्हें भुगतनी पड़ी है, जबकि उन्होंने सभी मानकों का पालन किया था.

निर्यातकों का क्या है कहना?

निर्यातकों का कहना है कि वे इस नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. एक निर्यातक ने लॉस एंजिल्स एयरपोर्ट पर अपने शिपमेंट के रिजेक्ट होने पर सवाल उठाया: “USDA अधिकारी सिर्फ रेडिएशन प्रक्रिया के बाद PPQ203 फॉर्म जारी करते हैं. अगर इसे ठीक से नहीं किया गया, तो हमें शिपमेंट भेजने की अनुमति कैसे मिली थी?” एक और निर्यातक ने कहा, “हमें रेडिएशन सुविधा में हुई गलतियों के लिए सजा मिल रही है. कोई कीट नहीं मिला, सिर्फ दस्तावेजों में गलती थी.”

एपीडा और MSAMB की प्रतिक्रिया

भारत के वाणिज्य मंत्रालय के तहत काम करने वाली कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) ने इस मुद्दे को स्वीकार किया है, लेकिन उन्होंने पूरी जानकारी महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड (MSAMB) से प्राप्त करने की बात कही है, क्योंकि मामला उन्हीं के अधिकार क्षेत्र में आता है. फिलहाल MSAMB से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

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Published: 19 May, 2025 | 09:23 AM

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