ब्राउन vs क्विनोआ राइस, जानिए मधुमेह प्रबंधन में कौन है बेहतर चावल

हेल्दी लाइफस्टाइल को मेनटेन करने के लिए लोग हेल्दी फूड्स की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोग सफेद चावल की बजाय चावल के कई अन्य प्रकारों पर जोर दे रहे हैं. खासकर ब्राउन और क्विनोआ राइस अच्छे विकल्प के रूप में लोगों की पसंद बन रहे हैं.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 15 Aug, 2025 | 04:18 PM

आज कल लाइफस्टाइल में बीमारियों का प्रकोप बहुत बढ़ गया है. इन बीमारियों में जो सबसे कॉमन है वो मधुमेह की बीमारी है. बहुत सारे लोग इस बीमारी से बचाव के लिए अपने लाइफस्टाईल में बदलाव लाते हैं. बता दें कि हेल्दी लाइफस्टाईल को मेनटेन करने के लिए लोग हेल्थी फूड्स की ओर बढ़ रहे हैं. ऐसे में लोग सफेद चावल के बजाय चावल के कई अन्य प्रकारों के सेवन पर जोर दे रहे हैं. खासकर ब्राउन और क्विनोआ राइस अच्छे विकल्प के रुप में उभर रहे हैं. बता दें कि ब्राउन राइस और क्विनोआ दोनों ही मधुमेह के रोगियों के लिए सफेद चावल की तुलना में बेहतर विकल्प माने जाते हैं, लेकिन इनके पोषण मूल्य और असर में कुछ स्पष्ट अंतर हैं.

ब्राउन vs क्विनोआ

टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक निम्न आधारों पर ब्राउन राइस (Brown Rice) और क्विनोआ राइस में अंतर किया जा सकता है. ब्राउन राइस में प्रोटीन की मात्रा लगभग 2.5 से 3 ग्राम प्रति 100 ग्राम होती है, जबकि क्विनोआ राइस (Quinoa Rice) में प्रोटीन की मात्रा लगभग 4 से 4.5 ग्राम प्रति 100 ग्राम होती है. इस दृष्टि से क्विनोआ मधुमेह रोगियों के लिए अधिक फायदेमंद है, क्योंकि प्रोटीन रक्त शर्करा को धीरे-धीरे बढ़ने में मदद करता है और लंबे समय तक तृप्ति प्रदान करता है.

2. फाइबर कंटेट

ब्राउन राइस में फाइबर लगभग 2 से 2.5 ग्राम प्रति 100 ग्राम होता है, जबकि क्विनोआ में यह 2.8 से 3 ग्राम तक हो सकता है. अधिक फाइबर पाचन को धीमा करता है, जिससे ग्लूकोज़ का अवशोषण धीरे होता है और शुगर लेवल स्थिर रहता है. इस मामले में भी क्विनोआ थोड़ा आगे है.

3. इंसुलिन इंडेक्स

ब्राउन राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग 50 से 55 के बीच होता है, जबकि क्विनोआ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 35 से 40 के बीच होता है. इसका मतलब है कि क्विनोआ खाने से ब्लड शुगर में अचानक तेजी से वृद्धि नहीं होती, जो मधुमेह रोगियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है.

4. कार्बोहाइड्रेट की मात्रा

ब्राउन राइस में प्रति 100 ग्राम लगभग 77 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जबकि क्विनोआ में यह लगभग 64 से 65 ग्राम होता है. कार्बोहाइड्रेट कम होने का मतलब है कि क्विनोआ रक्त शर्करा को अपेक्षाकृत कम और धीमी गति से बढ़ाता है.

5. कीमत

ब्राउन राइस की कीमत सामान्यतः 60 से 90 रुपये प्रति किलो के बीच होती है, जबकि क्विनोआ की कीमत लगभग 400 से 700 रुपये प्रति किलो तक हो सकती है. लागत के मामले में ब्राउन राइस आसानी से किफायती और लंबे समय तक चलने वाला विकल्प है.

6. स्वास्थ्य लाभ

ब्राउन राइस मैग्नीशियम, सेलेनियम और विटामिन बी समूह से भरपूर होता है, यह हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है और मधुमेह में धीरे-धीरे ऊर्जा देता है, जबकि क्विनोआ में सभी आवश्यक अमीनो एसिड, अधिक प्रोटीन, अधिक फाइबर और ग्लूटेन-फ्री गुण होते हैं, यह न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि वजन घटाने, हड्डियों की मजबूती और पाचन सुधार में भी सहायक है.

7. उपलब्धता

ब्राउन राइस भारत में लगभग सभी किराना और सुपरमार्केट में आसानी से उपलब्ध है, जबकि क्विनोआ की उपलब्धता ब्राउन की तुलना में कम है और यह मुख्य रूप से बड़े शहरों, ऑर्गेनिक स्टोर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर मिलता है.

यदि लागत और उपलब्धता बड़ी समस्या नहीं है, तो क्विनोआ मधुमेह रोगियों के लिए प्रोटीन, फाइबर और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण अधिक प्रभावी और संतुलित विकल्प है, लेकिन अगर बजट और उपलब्धता प्राथमिकता है, तो ब्राउन राइस भी सफेद चावल की तुलना में बेहतर और सुरक्षित विकल्प है.

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Published: 15 Aug, 2025 | 04:16 PM

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