देश के कई हिस्सों में पशुओं में खुरपका-मुंहपका (Foot and Mouth Disease – FMD) नामक संक्रामक बीमारी के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. यह बीमारी पशुपालकों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि इससे दूध उत्पादन में भारी गिरावट आती है और कई बार पशु की जान भी खतरे में पड़ जाती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन में इस बीमारी का जिक्र करते हुए कहा कि देश को FMD से मुक्त करना सरकार की प्राथमिकता है और इसके लिए एक बड़ा अभियान चलाया जा रहा है.
क्या है खुरपका-मुंहपका बीमारी?
खुरपका-मुंहपका एक वायरस से फैलने वाली बीमारी है जो मुख्य रूप से गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और सुअर जैसे खुर वाले जानवरों को होती है. यह बीमारी संक्रमित पशु की लार, छाले, मल और दूध से फैलती है और बेहद संक्रामक होती है. एक बार अगर किसी झुंड में फैल जाए तो बहुत तेजी से सभी जानवरों को चपेट में ले लेती है. इसके लक्षणों में मुंह और जीभ में छाले, खुरों में सूजन और फफोले, बुखार, लार गिरना और खाने-पीने में कमी शामिल है. इससे पशु काफी कमजोर हो जाते हैं और दूध देना भी बंद कर देते हैं.
इलाज नहीं, सिर्फ सावधानी और देखभाल है उपाय
खुरपका-मुंहपका का कोई सीधा इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन सही देखभाल और लक्षणों के आधार पर इलाज से पशु को ठीक किया जा सकता है. बीमार पशु को तुरंत बाकी जानवरों से अलग कर देना चाहिए ताकि संक्रमण न फैले. मुंह और खुरों को गुनगुने पानी से साफ कर हल्का एंटीसेप्टिक लगाया जा सकता है. पशु को तरल और ऊर्जा देने वाला आहार जैसे गुड़ का पानी, नमक-चीनी का घोल देना चाहिए. दर्द और बुखार के लिए पशु चिकित्सक की सलाह से दवा दी जा सकती है. सबसे जरूरी बात है पशु के आराम और सफाई का पूरा ध्यान रखना.
सरकार का बड़ा कदम- चलाया जा रहा टीकाकरण अभियान
सरकार ने देशभर में खुरपका-मुंहपका को रोकने के लिए व्यापक टीकाकरण अभियान शुरू किया है. पशुपालन विभाग के अनुसार, हर 6 महीने में एक बार FMD का टीका लगवाना जरूरी है, जिससे पशुओं को इस बीमारी से बचाया जा सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि देश को FMD-मुक्त बनाना हमारा लक्ष्य है और अब तक करोड़ों पशुओं को टीका लगाया जा चुका है. टीकाकरण के लिए सरकार की टीमें गांव-गांव जाकर पशुपालकों को जागरूक कर रही हैं और फ्री टीके लगाए जा रहे हैं.
पशुपालकों से अपील- समय पर टीका लगवाएं, बीमारी से बचाएं
सरकार और पशुपालन विभाग ने देश के सभी पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने पशुओं का समय-समय पर टीकाकरण करवाएं और अगर कोई भी बीमारी का लक्षण नजर आए, तो तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक को दिखाएं. साथ ही, जब भी कोई नया पशु खरीदा जाए तो उसे बाकी पशुओं से कुछ दिन अलग रखें, ताकि संक्रमण का खतरा न हो. बीमार पशु की देखभाल करते समय हाथ धोएं, बर्तन और उपकरण साफ रखें और पशुशाला की नियमित सफाई करें.