प्याज किसानों को मिलने वाला है 500 रुपये क्विंटल बोनस? बैठक में केंद्रीय मंत्री के साथ क्या हुई डील

महाराष्ट्र के नासिक में प्याज की कीमतें 1,200 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गई हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. किसानों और निर्यातकों ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से मिलकर प्याज निर्यात पर सब्सिडी और राहत अनुदान की मांग की है.

Kisan India
नोएडा | Updated On: 6 Aug, 2025 | 11:55 AM

Onion Price: महाराष्ट्र के नासिक में प्याज के रेट में लगातार गिरावट जारी है. मौजूदा वक्त में प्याज का थोक भाव 1300 रुपये क्विंटल से भी नीचे आय गया है. इससे किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. इसी बीच खबर है कि निर्यातकों और किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री प्रह्लाद जोशी से मुलाकात की. उन्होंने प्याज की मांग बढ़ाने और किसानों को राहत देने के लिए प्याज निर्यात पर प्रोत्साहन मांगा. किसानों ने यह भी मांग की कि जिन्होंने अपनी फसल कम दामों पर बेची है, उन्हें प्रति क्विंटल 500 रुपये की सहायता दी जाए, ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान न हो. वरना किसान नुकसान होने के चलते प्याज की खेती से धीरे-धीरे दूरी बना लेंगे.

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल नासिक की मंडियों में प्याज की औसत थोक कीमत घटकर 1,275 रुपये प्रति क्विंटल रह गई है. इसीलिए किसानों और निर्यातकों ने सरकार से मदद की अपील की है. प्रतिनिधिमंडल में हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (HPEA) के उपाध्यक्ष विकास सिंह और किसानों के संगठन से दीपक पगार शामिल थे.विकास सिंह ने कहा है कि हमने मंत्री जी अनुरोध किया है कि प्याज निर्यात पर RoDTEP (निर्यात पर टैक्स और शुल्क की वापसी योजना) को बढ़ाकर 5 फीसदी किया जाए और ट्रांसपोर्ट सब्सिडी को मालभाड़े के 7 फीसदी तक दिया जाए, ताकि प्याज का निर्यात बढ़े और किसानों को मंडियों में बेहतर दाम मिल सकें.

 1200 रुपये क्विंटल हुआ प्याज का रेट

किसान संगठन के नेता दीपक पगार ने कहा कि प्याज की उत्पादन लागत 1,800 रुपये प्रति क्विंटल है. अगर किसानों को इससे कम दाम मिलते हैं, तो उन्हें भारी नुकसान होता है. इस समय मंडियों में प्याज की औसत थोक कीमत घटकर सिर्फ 1,200 प्रति क्विंटल रह गई है, जिससे किसान काफी नुकसान झेल रहे हैं. पगार ने मंत्री से मांग की कि पिछले छह महीनों में जिन किसानों ने अपनी प्याज कम दामों पर बेची है, उन्हें 500 रुपये प्रति क्विंटल की आर्थिक सहायता दी जाए.

थोक कीमतें गिरने से किसानों को नुकसान

पगार ने मंत्री से यह भी आग्रह किया कि सरकार सितंबर से पहले बफर स्टॉक में रखी प्याज को बाजार में न बेचे, क्योंकि इससे थोक कीमतें और गिरेंगी और किसानों को और ज्यादा नुकसान होगा. मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा और बफर स्टॉक की प्याज सितंबर के बाद ही बेची जाएगी. बदा तें दि इससे पहले महाराष्ट्र के प्याज संघ ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर बैठक बुलाई की मांग की थी.

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Published: 6 Aug, 2025 | 11:53 AM

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