अब MSP लाभ केवल असली किसानों को, बायोमेट्रिक सिस्टम से होगी पहचान

अब MSP पर दालें और तिलहन बेचने के लिए किसान को पहले से अब सिर्फ आधार नहीं बल्कि चेहरा स्कैन कर पहचान सुनिश्चित कराना होगा.

नई दिल्ली | Published: 12 May, 2025 | 08:49 AM

देश में अगले खरीफ सीजन (2025-26) से सरकार ने एक बड़ा बदलाव करते हुए दालों और तिलहनों की सरकारी खरीद (MSP पर) के लिए बायोमेट्रिक फेस पहचान और पॉइंट ऑफ सेल (PoS) मशीन का उपयोग अनिवार्य कर दिया है. इसका मकसद यह है कि सिर्फ वास्तविक और पंजीकृत किसान ही इन योजनाओं का लाभ ले सकें, और किसी प्रकार की धोखाधड़ी से बचा जा सके.

यह फैयला आधार अधिनियम 2016 की धारा 7 के तहत संभव हुआ है, जो 21 अप्रैल, 2025 से लागू हो गई है. इसके तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आधार-आधारित पहचान जरूरी कर दी गई है.

इस फैसले से क्या बदलेगा?

अब MSP पर दालें और तिलहन बेचने के लिए किसान को पहले से ही e-Samriddhi (NAFED) या e-Samyukti (NCCF) पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा. इस प्रक्रिया में अब सिर्फ आधार नहीं बल्कि चेहरा स्कैन कर पहचान सुनिश्चित की जाएगी.

सरकार ने यह भी साफ किया है कि MSP पर खरीद की अवधि 60 दिनों की होगी, जिसे जरूरत पड़ने पर 30 दिन तक बढ़ाया जा सकता है. यानी अधिकतम 90 दिनों तक ही खरीद हो पाएगी.

अधिकारियों के अनुसार पिछली बार देखा गया था कि खरीद की अवधि के अंतिम हफ्तों में अचानक खरीदी में उछाल आया, जिससे व्यापारियों द्वारा सिस्टम के दुरुपयोग की आशंका जताई गई थी. अब बायोमेट्रिक जांच के बाद ऐसे मामलों पर रोक लगेगी.

PM-AASHA योजना का हिस्सा

यह फैसला प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संगरक्षण अभियान (PM-AASHA) योजना के तहत लिया गया है, जिसमें किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए कई उप-योजनाएं जैसे मूल्य समर्थन योजना, मूल्य घाटा भुगतान योजना और बाजार हस्तक्षेप योजना शामिल हैं.

रिकॉर्ड खरीद का अनुमान

सरकार ने इस बार 60 लाख टन तिलहन और 50 लाख टन दालों की रिकॉर्ड खरीद की मंजूरी दी है. इससे किसानों को उनकी उपज का बेहतर दाम मिलेगा और देश को आयात पर निर्भरता भी कम करनी होगी.