अमेरिकी टैरिफ के बीच राहत की खबर, रूस में खुलेगा भारतीय झींगा निर्यात का रास्ता, जानिए कैसे?
भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंध पहले से ही मजबूत रहे हैं और अब समुद्री उत्पादों के क्षेत्र में यह मंजूरी भारत के निर्यातकों के लिए नए अवसर खोलेगी. रूस का बाजार भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब अमेरिका की ओर से लगाए गए भारी शुल्क ने भारतीय निर्यातकों को नुकसान पहुंचाया है.
Seafood Exports: भारत लंबे समय से समुद्री उत्पादों के अंतरराष्ट्रीय बाजार में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. चाहे झींगा हो, मछली हो या अन्य समुद्री उत्पाद—भारतीय निर्यातकों की एक अलग पहचान है. लेकिन हाल के सालों में अमेरिका द्वारा भारतीय झींगा निर्यात पर 50 फीसदी तक की भारी टैरिफ वृद्धि ने बाजार झटका दिया है. ऐसे माहौल में भारत नए बाजार ढूंढने और निर्यात के रास्तों को विविध बनाने की कोशिश कर रहा है. इसी दिशा में रूस द्वारा भारत की लगभग 25 फिशरी यूनिट्स को मंजूरी देने की तैयारी एक बड़ी राहत और सकारात्मक संकेत मानी जा रही है.
रूस की बड़ी मंजूरी
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि रूस जल्द ही भारत की करीब 25 मछली प्रसंस्करण इकाइयों को अपने बाजार में निर्यात की अनुमति देगा. यह मंजूरी मिलने के बाद ये यूनिट्स सीधे रूस को समुद्री उत्पाद सप्लाई कर सकेंगी.
भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंध पहले से ही मजबूत रहे हैं और अब समुद्री उत्पादों के क्षेत्र में यह मंजूरी भारत के निर्यातकों के लिए नए अवसर खोलेगी. रूस का बाजार भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब अमेरिका की ओर से लगाए गए भारी शुल्क ने भारतीय निर्यातकों को नुकसान पहुंचाया है.
यूरोपियन यूनियन से भी मिली बड़ी राहत
कुछ ही दिन पहले यूरोपियन यूनियन (EU) ने भारत की 102 नई मरीन यूनिट्स को निर्यात की मंजूरी दी है. इसके बाद अब रूस से मिल रही अनुमति भारत के समुद्री निर्यातकों को और मजबूत बनाएगी. EU का भारतीय समुद्री उत्पादों पर विश्वास यह दर्शाता है कि भारत की यूनिट्स गुणवत्ता, स्वच्छता और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती हैं.
झींगा निर्यात में गिरावट और नए बाजारों की तलाश
भारत के समुद्री निर्यात में झींगे की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है. 2024–25 में भारत ने कुल 4.88 अरब डॉलर के झींगे निर्यात किए, जो कुल समुद्री निर्यात का लगभग 66 फीसदी है. लेकिन अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के बाद भारतीय झींगा उद्योग को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है.
इसी वजह से केंद्र सरकार UAE, रूस, यूरोप और अन्य देशों से बातचीत कर रही है ताकि भारतीय उत्पादों के लिए नए रास्ते खुल सकें और उद्योग को नई गति मिल सके. मंत्री गोयल ने बताया कि नए देशों से बातचीत जारी है और आने वाले महीनों में और सकारात्मक खबरें मिल सकती हैं.
भारत–EU मुक्त व्यापार समझौते पर भी आगे बढ़ी बातचीत
जब उनसे भारत और यूरोपियन यूनियन (EU) के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर सवाल पूछा गया, तो गोयल ने कहा कि बातचीत अंतिम चरण में है. कुछ मुद्दों पर चर्चा बाकी है, लेकिन आने वाले महीनों में समझौते पर सहमति बनने की पूरी संभावना है. यह समझौता भारतीय समुद्री उत्पादों, कृषि उत्पादों और विनिर्माण क्षेत्र के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है.