रिटायरमेंट के बाद पुस्तैनी जमीन पर शुरू की सेब की खेती, सीताराम ने नर्सरी में उगाए उन्नत किस्म के हजारों पौधे

आज के समय में उत्तराखंड के प्रगतिशील किसान और खेती में नवाचार करने वाले किसान कई तरह की बागवानी फसलों और सेब की खेती करके अपने इलाके में अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं.

नोएडा | Published: 7 Aug, 2025 | 06:06 PM

उत्तराखंड में किसान आमदनी के लिए अब केवल पारंपरिक खेती पर ही निर्भर नहीं है बल्कि व्यावसायिक फसल, बागवानी फसल और पशुपालन भी कर रहे हैं. इनकी मदद से प्रदेश के किसान अच्छी उपज के साथ-साथ अपनी कमाई में भी बढ़ोतरी कर रहे हैं. यहां के किसान इन फसलों की खेती में सफलता पाकर अपनी एक अलग पहचान बनाने के साथ ही दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा की तरह काम कर रहे हैं. उत्तराखंड के ही रहने वाले सीताराम कोठारी ने सरकारी नौकरी से रिटायर होने के बाद अपने पड़ोसी के साथ मिलकर सेब और बागवानी फसलों की खेती की शुरुआत की और 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद आज उनकी नर्सरी में उन्नत किस्म के हजारों पौधे हैं.

रेलवे में काम करते थे सीताराम

उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में जखोली विकासखंड के कोठियाडा गांव में रहने वाले सीताराम कोठारी रेलवे में नौकरी करते थे. रेलवे से रिटायर होने के बाद जब सीताराम अपने गांव लौटे तो गांव की खाली पड़ी पुस्तैनी जमीन को देखकर उनके मन में खेती करने का खयाल आया. इसके बाद सीताराम कोठारी ने गांव के ही अपने पड़ोसी ओमप्रकाश कोठारी के साथ मिलकर खाली पड़ी अपनी जमीन पर अलग-अलग तरह के फलदार पौधों की नर्सरी का काम शुरू कर दिया. सीताराम बताते हैं कि नर्सरी लगाने के शुरुआती दिनों में ही उनकी नर्सरी में पौधे अच्छी ग्रोथ कर रहे थे. कोठारी ने बताया कि आज उनकी नर्सरी में हजारों उन्नत किस्म के फलदार पेड़ बिक्री के लिए तैयार हैं.

लीकाराम कोठारी के साथी ओमप्रकाश कोठारी

सेब की 17 हजार पौध तैयार

समाचार एजेंसी प्रसार भारती के अनुसार, नर्सरी के अलावा भी सीताराम कोठारी जमीन के एक बड़े हिस्से में सेब का बगीचा भी तैयार कर रहे हैं. जिसे कोठारी एग्रो सोलोशन का नाम दिया गया है. बता दें कि, कोठारी एग्रो सोलोशन के पास वर्तमान में सेब की 17 हजार पौध तो वहीं स्टोन फ्रूट के लगभग 1 लाख से ज्यादा पेड़ तैयार हैं. सीताराम के साथी ओमप्रकाश कोठारी का कहना है कि अभी इस काम के लिए उन्होंने अपने निजि संसाधनों का इस्तेमाल किया है, साथ ही उनके इस काम के लिए जो भी जरूरी तकनीकी जानकारी है, वो जखोली की एक कंपनी और किसान संगठन द्वारा दी जा रही है.

अपनी अलग पहचान बना रहे किसान

आज के समय में उत्तराखंड के प्रगतिशील किसान और खेती में नवाचार करने वाले किसान कई तरह की बागवानी फसलों और सेब की खेती करके अपने इलाके में अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं. इसके साथ ही इन लोगों ने आर्थिक तौर पर भी खुद को मजबूत बनाया है.

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