ये हैं पंजाब के प्रगतिशील किसान, धान के बजाए शुगर फ्री गेहूं की खेती से कर रहे लाखों की कमाई

पंजाब के संगरूर समेत कई जिलों में कुछ किसान पारंपरिक गेहूं-धान चक्र से हटकर फसल विविधता अपना रहे हैं. जगदीप, जसवीर और रणबीर सिंह जैसे प्रगतिशील किसान मूंग, गन्ना, ड्रैगन फ्रूट जैसी फसलें उगा रहे हैं.

नोएडा | Updated On: 14 Jun, 2025 | 12:58 PM

पंजाब के संगरूर, लुधियाना, मलेरकोटला, मानसा, मोगा, बरनाला, पटियाला, कपूरथला, जालंधर और नवांशहर में धान की बुआई शुरू हो गई है. इस बीच, संगरूर के कुछ किसान पारंपरिक गेहूं-धान चक्र से हटकर ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं और टिकाऊ खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. कनोई गांव के 50 वर्षीय जगदीप सिंह ने अपनी 16 एकड़ जमीन पर फसल विविधता अपनाई है. हालांकि वे अपनी दूसरी जमीन पर 12 एकड़ में बासमती या PR 126 किस्म का धान उगा रहे हैं, लेकिन साथ ही मूंग, सरसों, काले चने और गन्ना भी उगा रहे हैं. उनकी सबसे खास फसल शुगर-फ्री गेहूं रही, जिसे 7,000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बेचा गया. जगदीप ने कहा कि पारंपरिक गेहूं-धान से ज्यादा आमदनी हो रही है.

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जगदीप दूसरे किसानों को पराली जलाने की बजाय हैप्पी सीडर से खेत की तैयारी करने के लिए प्रेरित करते हैं. उनके प्रयासों से गांव के करीब 40 फीसदी किसान पराली जलाना बंद कर चुके हैं. चीमा गांव के 51 वर्षीय जसवीर सिंह भी पारंपरिक खेती से हटकर नई राह पर चल पड़े हैं. 45 एकड़ जमीन पर खेती करने वाले जसवीर ने तीन साल पहले फसल विविधता की शुरुआत की. गन्ने की खेती ने उन्हें 4 से 5 लाख रुपये प्रति एकड़ अच्छा मुनाफा दिया, जबकि गेहूं और धान से केवल 1 से 1.5 लाख रुपये ही मिलते थे.

इन फसलों की खेती से बंपर कमाई

अब वे अपने खेतों में लहसुन, मटर, गन्ना, सफेद व काले चने, हरी मिर्च और मक्का उगाते हैं. उनके jaggery (गुड़) की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि वह 1,200 रुपये प्रति क्विंटल में बिकता है. उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की है, जो इस क्षेत्र में बहुत कम होती है. इसके अलावा, आम, अमरूद और अनार जैसे फलों के पेड़ भी लगाए हैं. वे अलसी, अदरक और अजवाइन जैसी फसलों पर भी प्रयोग कर रहे हैं. हालांकि उनके 25 एकड़ खेतों में अभी भी सरकार की अनुशंसित PR126 जैसी धान की किस्में लगाई जाती हैं, लेकिन वे पराली नहीं जलाते. धान की कटाई के बाद वे आलू उगाते हैं और फसल चक्र को अपनाकर ज्यादा मुनाफा और पर्यावरण सुरक्षा दोनों को प्राथमिकता देते हैं.

25 एकड़ पर गन्ना और मक्का उगाया

प्रगतिशील किसानों की सूची में बलवार खुर्द गांव के 63 वर्षीय रणबीर सिंह का नाम भी जुड़ गया है, जो नौसेना से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कमांडर हैं. अब वे किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर फसल विविधता अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. रणबीर सिंह ने अपनी 63 एकड़ जमीन में शुरुआत में 25 एकड़ पर गन्ना और मक्का उगाया. लेकिन धुरी की एक मिल बंद होने के बाद उन्होंने 15 एकड़ में दूसरी फसलें लगाना शुरू कर दिया, जबकि बाकी जमीन पर गेहूं और धान की खेती जारी है. रणबीर सिंह कहते हैं कि मुझे अब धान टिकाऊ फसल नहीं लगती, मैं इससे बाहर निकलने की कोशिश कर रहा हूं और मक्का पर प्रयोग कर रहा हूं.

Published: 14 Jun, 2025 | 12:58 PM