दुनिया की चीनी खपत पूरी करेंगे भारत और ब्राजील, 2025-26 में सीजन में रिकॉर्ड उत्पादन

भारत के लिए खबर अच्छी है. 2025-26 के सीजन में अनुकूल मौसम और गन्ने के रकबे में बढ़ोतरी के चलते चीनी उत्पादन 28 मिलियन टन से बढ़कर 35.3 मिलियन टन पहुंच सकता है यानी करीब 25 फीसदी की बढ़त.

Kisan India
नई दिल्ली | Published: 23 May, 2025 | 04:10 PM

चीनी के कारोबार में भारत और ब्राजील दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी हैं. अब अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) ने 2025-26 के लिए जो अनुमान पेश किया है, वह चीनी उद्योग से जुड़े हर व्यक्ति के लिए बेहद अहम है.

अमेरिकी कृषि विभाग के मुताबिक, 2025-26 के दौरान वैश्विक चीनी उत्पादन 189.3 मिलियन टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल की तुलना में 8.6 मिलियन टन ज्यादा होगा. इसका सीधा कारण है भारत और ब्राजील में बेहतर मौसम और गन्ने की अच्छी फसल का होना. रिपोर्ट के अनुसार, इस साल खपत 2.49 मिलियन टन बढ़कर 177.92 मिलियन टन हो सकती है.

निर्यात में थोड़ी गिरावट, स्टॉक में बढ़त

जहां एक ओर चीनी का उत्पादन बढ़ेगा, वहीं वैश्विक निर्यात में गिरावट देखने को मिल सकती है. खासकर यूरोपीय संघ और थाईलैंड जैसे देशों से कम निर्यात होगा. इसके बावजूद भारत और चीन में चीनी का भंडारण बढ़ने से वैश्विक स्टॉक 38.31 मिलियन टन से बढ़कर 41.18 मिलियन टन हो सकता है.

भारत का अगला पेराई सीजन कैसा रहेगा?

भारत के लिए खबर अच्छी है. 2025-26 के सीजन में अनुकूल मौसम और गन्ने के रकबे में बढ़ोतरी के चलते चीनी उत्पादन 28 मिलियन टन से बढ़कर 35.3 मिलियन टन पहुंच सकता है यानी करीब 25 फीसदी की बढ़त. खपत में भी उछाल आने की उम्मीद है, खासतौर से खाद्य उद्योग में. इसके चलते भारत से निर्यात और घरेलू स्टॉक दोनों में इजाफा होने की उम्मीद है.

ब्राजील में रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद

ब्राजील में चीनी उत्पादन 1 मिलियन टन बढ़कर 44.7 मिलियन टन हो सकता है. हालांकि वहां अब गन्ने से चीनी और एथनॉल का अनुपात थोड़ा बदलेगा. एथनॉल का हिस्सा बढ़कर 51 फीसदी हो जाएगा, जबकि चीनी घटकर 49 फीसदी रह सकती है.

थाईलैंड, अमेरिका और यूरोप में मिलाजुला हाल

  • थाईलैंड में चीनी उत्पादन 2 फीसदी बढ़कर 10.3 मिलियन टन हो सकता है, लेकिन निर्यात घट सकता है.
  • यूरोपीय संघ में उत्पादन 9 फीसदी घटकर 15 मिलियन टन रह सकता है, क्योंकि गन्ने की खेती में कमी आई है.
  • अमेरिका में उत्पादन थोड़ा गिरकर 8.4 मिलियन टन हो सकता है, और ऑस्ट्रेलिया का आंकड़ा 3.8 मिलियन टन पर जा सकता है, जो एक दशक में सबसे कम है.
  • वहीं चीन में अनुमानित चीनी उत्पादन 11.5 मिलियन टन होगा और मेक्सिको में यह आंकड़ा 5.4 मिलियन टन तक जा सकता है.

2024-25 में क्यों घटा था उत्पादन?

पिछले साल यानी 2024-25 में वैश्विक चीनी उत्पादन 5.9 मिलियन टन घटकर 180.8 मिलियन टन रह गया था. इसका मुख्य कारण भारत में खराब मौसम और सिंचाई की कमी रहा, जिससे उत्पादन 7.5 मिलियन टन घट गया. हालांकि पोलैंड और जर्मनी में हालात अच्छे रहे, जिससे यूरोपीय संघ में कुछ हद तक संतुलन बना रहा.

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